जम्मू कश्मीर में संस्कृत के सभी पद भरेंगे- उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जी
punjabkesari.in Thursday, Sep 21, 2023 - 10:57 PM (IST)

श्रीनगरः आज जम्मू कश्मीर श्री काशी विद्वत् परिषद् ने अपना स्थापना दिवस जम्मू क्लब सभागार में मनाया जिसके अन्तर्गत देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिष्ठित विद्वानों को सम्मानित करने के लिए भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह में महामहिम उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा जी मुख्यातिथि थे एवं संभाग आयुक्त श्री रमेश कुमार जी (आई ए एस)तथा पूर्व न्यायाधीश एवं गान्धी सेवा सदन के चेयरमैन श्री सुरेश शर्मा जी बतौर विशिष्टातिथि थे। श्री राजेन्द्र शर्मा जी मेयर जे एम सी जम्मू सारस्वतातिथि थे। सर्वप्रथम श्री माता वैष्णो देवी गुरुकुल कटरा के विद्यार्थियों वैदिक मंगलाचरण तथा महिला कॉलेज गान्धी नगर गांधीनगर जम्मू की छात्राओं ने सरस्वती वंदना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
तत्पश्चात् महिला कॉलेज परेड की छात्राओं ने स्वागत गीतिका का प्रस्तुत कर आए हुए अतिथिगणों का स्वागत किया इसके अनन्तर विद्वत् परिषद् के अध्यक्ष आदरणीय पद्मश्री प्रोफेसर विश्वमूर्ति शास्त्री जी ने सभी गणमान्य अतिथियों के लिए स्वागत भाषण प्रस्तुत किया अपने स्वागत भाषण के साथ साथ उन्होंने संस्कृत के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की उन्होंने कहा कि संस्कृत देववाणी है इसको जन-जन तक पहुंचाना विद्वत् परिषद् का परम उद्देश्य है सभी संप्रदायों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए हम समाज में संस्कृत को पुनः सम्मान दिलवाने के लिए वचनबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों में तथा महाविद्यालयों में संस्कृत तथा वैदिक शिक्षा के पदों को सृजित कर अन्य भाषाओं की तरह इसको भी अनिवार्य रूप से साथ में संस्कृत पढ़ाई जाना अत्यंत आवश्यक है। इसके बाद प्रो• राम बहादुर शुक्ला जी ने शारदा पीठ अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु महामहिम उप राज्यपाल महोदय जी के समक्ष संपूर्ण रूपरेखा प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत की तथा उन्होंने कहा कि यह देश में नए मानकों तथा नई ऊंचाइयों को स्पर्श करेगा। प्रो रामनारायण जी ने अपने उद्बोधन में कहा की सनातन धर्म पर किसी भी प्रकार के प्रहार को सहन न करते हुए जम्मू कश्मीर श्रीकाशी विद्वत् परिषद् उचित कार्यवाही करे।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा जी ने विद्वत् परिषद् की प्रसंशा करते हुए कहा की यह परिषद् बहुत ही अच्छे कार्यों को कर रही है। जम्मू कश्मीर श्रीकाशी विद्वत् परिषद् के प्रपोजल को स्वीकृत करते हुए कहा की जम्मू कश्मीर जिस प्रकार प्राचीन काल में संपूर्ण शिक्षा का केन्द्र रहा है विद्वत् परिषद् के इस प्रकल्प के माध्यम से जम्मू कश्मीर पुनः आध्यात्मिक एवं सामाजिक तथा वैज्ञानिक क्षेत्र में उन्नति करेगा। संस्कृत भाषा को सामान्य जनमानस की भाषा बनाने की आवश्यकता को महसूस किया।
विद्वत् परिषद् को भारतीय संस्कृति के मूल्यों को सामान्य जनता तक पहुंचने को कहा। इस कार्यक्रम में वाराणसी से पदारे प्रो रामनारायण द्विवेदी, प्रो विनय कुमार पांडेय, प्रो दिनेश कुमार गर्ग, प्रो राम बहादुर शुक्ल, प्रो चंद्रमौलि रैना, डॉ शिव प्रसाद रैना, पवन शास्त्री जी, प्रो सुषमा गुप्ता जी, डॉ प्रकाश शास्त्री जी, डॉ विजेंद्र शर्मा जी, डॉ ममता शर्मा जी, डॉ विपन शर्मा जी, डॉ सुशांत शास्त्री जी, डॉ प्रवीण शर्मा जी, श्री सुधांशु शर्मा जी तथा जम्मू कश्मीर प्रदेश से आए हुए संस्कृत के विद्वानों के साथ कई गण मान्य सामाजिक लोग उपस्थित थे।