J&K 1990 वायुसेना कर्मी हत्याकांड- आरोपियों की अनुपस्थिति के कारण पहचान टली

punjabkesari.in Sunday, Apr 02, 2023 - 03:08 PM (IST)

श्रीनगर: जम्मू की एक अदालत ने 1990 में श्रीनगर में एक आतंकवादी हमले में वायुसेना के चार कर्मियों की हुई मौत के सिलसिले में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक समेत छह आरोपियों की एक प्रत्यक्षदर्शी द्वारा की जाने वाली पहचान शनिवार को टाल दी। सीबीआई की मुख्य अभियोजक मोनिका कोहली ने बताया कि यहां अदालत में कुछ आरोपियों की अनुपस्थिति के चलते पहचान टाल दी गई जबकि दो प्रत्यक्षदर्शी पेश हुए थे और उनमें से एक उनकी पहचान करने के लिए तैयार था।

 

दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद मलिक ने इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लिया। वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता कोहली ने कहा, ‘‘जिरह के लिए दो प्रत्यक्षदर्शी गवाह पेश हुए थे और उनमें से एक ने आरोपियों की पहचान करने की इच्छा जताई। चूंकि कुछ आरोपी अदालत में उपस्थित नहीं थे, इसलिए पहचान अगली सुनवाई के लिए टाल दी गई है।'' उन्होंने कहा कि अन्य प्रत्यक्षदर्शी की जिरह पूरी हो गई है और उसने आरोपियों की पहचान करने में असमर्थता प्रकट की है।

 

विशेष टाडा अदालत इस मामले तथा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबैया सईद के अपहरण से जुड़े अन्य मामले में JKLF प्रमुख और कई अन्य के विरूद्ध पहले ही आरोप तय कर चुकी है। रूबैया को 1989 में अगवा कर लिया गया था। वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या के सिलसिले में 16 मार्च, 2020 को मलिक और छह अन्य के विरूद्ध आरोप तय किए गए थे। अदालत ने पिछले साल 11 जनवरी को रूबैया प्रकरण में मलिक और नौ अन्य के विरूद्ध आरोप तय किए थे।


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Content Writer

Seema Sharma

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