भारतीय सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई से सैनिकों समेत 832 पाकिस्तानियों की मौत

punjabkesari.in Wednesday, Jun 21, 2017 - 10:29 AM (IST)

जम्मू : भारत के साथ संघर्ष में पाकिस्तान को राजनीतिक, कूटनीतिक एवं सामरिक हर मोर्चे पर हमेशा मुंह की खानी पड़ी है। पाकिस्तानी नैशनल असैम्बली की स्टैंडिंग कमेटी की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान ने जब-जब संघर्ष विराम संधि का उल्लंघन करते हुए भारतीय क्षेत्रों में गोलीबारी की तो भारतीय सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में उसे बहुत नुक्सान उठाना पड़ा। हाल ही में हुई संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में अकेले पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के.) में पाकिस्तान को अपने सैनिकों समेत 832 पाकिस्तानियों की जान से हाथ धोना पड़ा है।

 


पाकिस्तानी नैशनल असैम्बली की स्टैंडिंग कमेटी की एक रिपोर्ट में हुआ खुलासा, 3000 हुए घायल, 3300 मकान तबाह 


पाकिस्तानी अखबार ‘द नेशन’ में प्रकाशित पाकिस्तान की नैशनल असैम्बली की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नियंत्रण रेखा पर हुए संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में भारतीय सुरक्षा बलों की गोली का शिकार होकर जहां 832 सैनिकों एवं अन्य नागरिकों ने अपनी जानें गंवाई वहीं 3000 लोग घायल हो गए। रिपोर्ट में डिजास्टर मैनेजमैंट अथॉरिटी के महानिदेशक जहीरुद्दीन कुरैशी के हवाले से बताया गया है कि भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा पाकिस्तानी सेना को दिए गए मुंह-तोड़ जवाब में 3300 मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।

 


पी.एम.ली.-एन. (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) के वरिष्ठ नेता एवं नैशनल असैम्बली के सदस्य खलील जॉर्ज की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित कश्मीर मामलों पर आधारित स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में पेश इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नियंत्रण रेखा के पास पाक अधिकृत कश्मीर में 4,25,000 लोग रह रहे हैं। इस बैठक में पी.ओ.के. (पाक अधिकृत कश्मीर) सरकार के प्रतिनिधि ने आरोप लगाया कि गोलीबारी में मरने वाले लोगों अथवा घायलों के परिवारों को पाकिस्तान सरकार द्वारा कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाती। हालांकि, जहीरुद्दीन कुरैशी ने कहा कि मृतकों के परिवारों को 3 लाख और घायलों को 1 लाख रुपए की सहायता राशि दी गई है। 

 


इसके बाद कमेटी के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि वास्तविक स्थिति एवं तथ्यों का पता लगाने के लिए नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों का दौरा किया जाना जरूरी है लेकिन पी.ओ.के. के योजना एवं विकास अतिरिक्त मुख्य सचिव सईद आसिफ हुसैन ने कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर कमेटी सदस्यों द्वारा इन इलाकों का दौरा करना उचित नहीं होगा।


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