जम्मू-कश्मीर में बंद हुए 80 फीसदी निजी बी.एड कॉलेज, मात्र 30 कॉलेजों में हो रही पढ़ाई

punjabkesari.in Friday, Dec 27, 2019 - 05:35 PM (IST)

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के बी.एड कॉलेज बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों पर ही निर्भर रहे हैं। बाहरी राज्यों से ही 70 फीसदी से अधिक विद्यार्थी पढऩे के लिए आते रहे हैं, लेकिन अब उनकी संख्या में कमी आने से राज्य में करीब 80 फीसदी प्राइवेट बी.एड कॉलेज बंद हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर में 151 प्राइवेट बी.एड कॉलेज थे, लेकिन 30 में ही बी.एड कोर्स की पढ़ाई हो रही है। जम्मू संभाग में 74 और कश्मीर संभाग में 77 बी.एड कॉलेज थे। जम्मू संभाग के प्राइवेट बी.एड कॉलेज जम्मू विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त थे। कश्मीर संभाग के बी.एड कॉलेज कश्मीर विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त थे। 5 साल पहले कॉलेजों के बंद होने का सिलसिला शुरू हुआ था।

बी.एड कॉलेज के बंद होने के प्रमुख कारण
बाहरी राज्यों में बड़ी संख्या में प्राइवेट बी.एड कॉलेजों का खुलना, बाहरी राज्यों के विद्याॢथयों की संख्या में भारी कमी आना, बी.एड डिग्री कोर्स की अवधि एक साल से बढ़ कर 2 साल होना और पी.जी. के अन्य कोर्सेज की तरफ युवाओं का रुझान होने से भी बी.एड करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भारी कमी आई है।

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अगले अकादमिक सत्र से 50 नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे
जम्मू-कश्मीर में अगले अकादमिक सत्र से 50 नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने वर्ष 2020 में 50 कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इस साल जम्मू-कश्मीर में 50 नए कॉलेज खोले जा चुके हैं। अगले साल नए कॉलेजों के लिए इलाकों की पहचान करने के लिए कमेटी का गठन किया गया था। सरकार ने उन इलाकों को कवर करने के लिए कहा था, जहां कॉलेज नहीं हैं। कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही नए कॉलेज खोले जाएंगे। तलत परवेज रोहेल्ला का कहना है कि अगले सत्र से 50 कॉलेज खोलने के लिए जगहों का आकलन कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही किया जाएगा।

सीट 10 हजार, 2500 विद्यार्थियों ने ही लिया दाखिला
जम्मू विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त बी.एड कॉलेज की बात हो तो पता चलता है कि गत जुलाई, अगस्त के अकादमिक सत्र में करीब 2500 विद्यार्थियों ने ही दाखिला लिया था। हालांकि सीट 10 हजार से अधिक थीं। पहले जब 74 कॉलेज चलते थे तो उस समय 22 हजार से अधिक सीट होती थीं जिनमें दाखिला पाने के लिए विद्यार्थियों में होड़ लगी रहती थी। कॉलेजों ने तो अब साल बीतने के बाद रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आवेदन करना भी बंद कर दिया है। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव तलत परवेज रोहेल्ला का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में 80 फीसदी से अधिक प्राइवेट बी.एड कॉलेज बंद हो गए हैं। किसी समय कॉलेजों की संख्या बहुत अधिक थी, लेकिन अब अधिकतर कॉलेज बंद हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर में गत 7 वर्षों के दौरान कॉलेजों की संख्या में करीब 11 फीसदी की कमी आई है। इसका खुलासा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन की रिपोर्ट में हो चुका है। वर्ष 2018-19 की यह रिपोर्ट गत अगस्त में आई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्ष 2012-13 से लेकर 2018-19 के दौरान 36 कॉलेज बंद हो गए थे।

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साल 2004 से 2012 के बीच जम्मू-कश्मीर में प्राइवेट बी.एड कॉलेजों की संख्या में भारी वृद्धि हुई थी। उस समय कॉलेज खोलना मुनाफे का बिजनैस बन गया था। हजारों की संख्या में विद्याॢथयों का जम्मू-कश्मीर आना और एक साल की बी.एड करना कॉलेज प्रबंधन के लिए बहुत अच्छा साबित हो रहा था। तब बी.एड में मैरिट भी काफी अधिक रहती थी। उस समय कॉलेजों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न-चिन्ह लगते रहे कि विद्याॢथयों की गैर हाजिरी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है। उसके बाद बी.एड का रुझान कम होता गया। जम्मू विश्वविद्यालय के डिस्टैंस एजुकेशन विभाग में इस बार 5 साल के बाद बी.एड कोर्स शुरू किया गया, लेकिन विद्याॢथयों का रुझान बहुत कम रहा। हालत यह रही कि निर्धारित 500 सीटों को भी नहीं भरा जा सका। मात्र 325 सीटों को भरा गया। हालांकि विश्वविद्यालय ने मैरिट को 40 फीसदी से भी कम कर दिया था।


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Author

rajesh kumar

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