आतंकी बुरहान की मौत के बाद 67 युवक बने आतंकी

Monday, Jun 05, 2017 - 12:09 PM (IST)

श्रीनगर : आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की पिछले साल जुलाई में मौत के बाद लगभग 67 कश्मीरी युवक आतंकी बन गए हैं। आतंकियों में भर्ती होने वाले कुल युवकोंं में दो 16 साल और एक 15 साल की उम्र सहित 63 युवक 30 साल की कम उम्र के हैं। यह जानकारी सुरक्षा एजैंसियों द्वारा संकलित डाटा के अनुसार सामने आई है। 


इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि आतंकियों का नया समूह युवा और उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाला है। पीएच.डी., एम.फिल., डिग्री होल्डर और 2 स्नातकोत्तर के अलावा 6 स्नातक और 5 ऐसे हैं जो इंजी. और तकनीकी पाठ्यक्रम पढ़ रहे थे, 2 बी-टैक., एक बी.ई. (कम्प्यूटर साइंस), एक पॉलीटैक्नीक छात्र और एक कम्प्यूटर साइंस का छात्र है। इसके अलावा 8 आतंकी ऐसे हैं जो स्नातक की डिग्री कर रहे थे। 10 अन्यों ने 12वीं कक्षा पूरी की है, एक दर्जन ने 10वीं कक्षा पूरी की हैं, 3 मदरसे में पढ़े हैं, जिनमें हाफिज/इमाम शामिल हैं और शेष ने हाई स्कूल तक पढ़ाई की है। इनमें से सिर्फ 3 ऐसे हैं जो कभी स्कूल नहीं गए हैं। 


कुल आतंकियों में से 50 बुरहान वानी के पैतृक क्षेत्र दक्षिण कश्मीर से हैं। पुलवामा जिले से 9 और त्राल सहित अवंतिपूरा से 9, कुलगाम से 13, शोपियां से 11, अनंतनाग से 8 जबकि आतंकवाद में शामिल नए रंगरूटों में 8 उत्तर कश्मीर से हैं। कुपावाड़ा से 2, हंदवाड़ा से 1, बांदीपुरा से 3 और सोपोर से 2 आतंकी बने हैं। मध्य कश्मीर से 5 युवक आतंकियों में शामिल हो गए हैं। सुरक्षा एजैंसियां ने यह भी खुलासा किया है कि आतंकियों में शामिल नए युवकों में 47 हिजबुल, 18 लश्कर में शामिल हुए हैंं और 2 की निष्ठा अज्ञात हैं। 


आतंकियों की शिक्षा और उम्र का प्रोफाइल :
सबसे युवा -
सज्जाद अहमद वानी (15) 9वीं कक्षा का छात्र बांदीपुरा से है जो आतंकियों की नई फसल में शामिल होने वालोंं में से सबसे युवा हैं। पुलिस का कहना है कि वानी गत 17 अक्तूबर से लापता है और उसके आतंकियों में शामिल होने की आशंका है। 

 

आतंकवाद में फिर से शामिल -
2 आतंकी ऐसे हैं जो फिर से आतंकवाद में शामिल हुए, उनमें मोहम्मद अशरफ खान (36) निवासी टंगपावा कोकरनाग अनंतनाग और शौकत अहमद डार निवासी अवंतिपूरा है। 

 

पीएच.डी. -
आतंकी सममूह में एक पीएच.डी. होल्डर (अरबी भाषा) अजहर उद्दीन खान (27) निवासी कुपवाड़ा शामिल था। उसको सुरक्षाबलों ने 4 फरवरी को अभियान के दौरान मार गिराया। अजहर हंदवाड़ा के हायर सैकेंडरी स्कूल में अनुबंध पर एक व्याख्याता था लेकिन पिछले साल अप्रैल में भूमिगत हो गया था। 

 

एम.फिल. -
अनंतनाग जिले से सबजार अहमद सोफी (29) के पास एम.फिल. डिग्री है। वह 21 अगस्त 2016 को लश्कर में शामिल हो गया था।

 

डबल एम.ए. -
कुलगाम जिले के हावूरा कोइमु इलाके से 25 वर्षीय मोहम्मद यूनिस लोन के पास 2 मास्टर डिग्रियां थीं (समाजशास्त्र और इस्लामिक स्टडीज)। वह फरवरी 2017 में हिजबुल में शामिल हुआ था लेकिन एक महीने के भीतर कुलगाम के यारीपुरा में मुठभेड़ के दौरान मारा गया। 

 

तकनीकी विशेषज्ञ -
पुलवामा के अवंतिपूरा से 22 वर्षीय आसिफ नजीर कम्प्यूटर साइंस में बी.ई. छात्र था जो 4 जनवरी को हिजबुल में शामिल हो गया। मोहम्मद कासिम शाह (23) अंबाला से बी-टैक. कर रहा था, 3 मार्च को हिजबुल में शामिल हो गया। रईस अहमद डार (21) निवासी काकपुरा पुलवामा बी-टैक. पूरा करने के बाद 7 अक्तूबर 2016 को लश्कर में शामिल हो गया। डार को पिछले साल नवम्बर में काकपुरा में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया था। उसके बाद बासित रसूल डार (22) निवासी मागरेयपुरा मरहामा बिजबिहाडा है जो 21 अक्तूबर 2016 को आतंकवादी संगठन में शामिल होने से पहले सिविल इंजी. में बी.ई. की पढ़ाई कर रहा था।

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