साल 2018ः इमरान ने सत्ता में धाक जमाई , नवाज को मिली रुसवाई

punjabkesari.in Tuesday, Dec 25, 2018 - 04:39 PM (IST)

पेशावरः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए साल 2018 जहां रुसवाईयों और मुश्किलों से भरा वहीं पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख इमरान खान की दो दशक की मेहनत इस साल रंग लाई और देश के दो मुख्य राजनीतिक दलों पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) तथा पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) को पीछे छोड़ते हुए उनकी पार्टी ने देश की सत्ता हासिल की। इस जीत पर जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को बधाई दी वहीं इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त ने इमरान से मिलकर उन्हें भारतीय टीम के हस्ताक्षर वाला क्रिकेट का बल्ला भेंट किया।
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सत्ता संभालते हीइमरान ने जहां अपनी नीतियों से भारत के साथ दोस्ताना संबंधों की शुरूआत की वहीं पूरी दुनिया में गिर चुकी पाक की साख को सुधारने के प्रयास भी शुरु किए ।इमरान के करीबी आरिफ अल्वी देश के नए राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि वे कश्मीर सहित सभी मुद्दों के हल के लिए भारत के साथ सार्थक बातचीत का समर्थन करते हैं। लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। मसूद का कहना है कि खान की चुनाव में जीत के बाद की जा रही पहलें नयी उम्मीद जगाती हैं।
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वाशिंगटन पोस्ट को दिए एक साक्षात्कार में खान ने माना कि 2008 का मुंबई हमला ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ था। उन्होंने कहा था, इस मामले को सुलझाना हमारे हित में है क्योंकि यह आतंकवादी कृत्य था।’’ फिलहाल खान ने उम्मीद जताई है कि भारत में 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनावों के बाद बातचीत फिर शुरू होगी। तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से आठ अरब अमेरिकी डॉलर की मदद मांगी है ताकि वह भुगतान का संकट हल कर सके। बाहर से कोष जुटाने की कोशिश में खान सऊदी अरब और चीन गए। खबरों के अनुसार, दोनों देशों ने उन्हें 6 अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक राहत देने का आश्वासन दिया।
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खान की सरकार ने पाक के सहयोगी चीन की चिंता दूर करते हुए, अरबों डॉलर की परियोजना ‘‘चीन पाकिस्तान आर्थिक  गलियारा’’ (सीपीईसी) को राष्ट्रीय प्राथमिकता के साथ पूरा करने का भी संकल्प जताया है। पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते 2018 में और बिगड़े तथा अमेरिका ने इस देश को दी जाने वाली 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता रोक दी। देश के सर्वाधिक दमदार राजनीतिक परिवार ‘‘शरीफ परिवार’’ के लिए यह साल बेहतर नहीं रहा।
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भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने शरीफ को जुलाई में 10 साल कैद की सजा सुनाई। उनकी बेटी को सात साल और दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) सफदर को एक साल की सजा सुनाई गई। इस साल नवाज की पत्नी कुलसुम का लंदन में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।

PunjabKesariनवाज के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने पीएमएल-एन की बागडोर संभाली। उन्हें भी भ्रष्टाचार के मामले में हिरासत में लिया गया। साल के अंत में 24 दिसंबर को नवाज के लिए एक और बुरी खबर आई। उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में 7 साल कैद  और 2.5 मिलियन डॉलर जुर्माने की सजा सुनाई गई।PunjabKesari


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Tanuja

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