Report में खुलासाः कोरोना वायरस रिसर्च में चीनी सेना के वैज्ञानिक भी शामिल ! वुहान वायरोलॉजिस्ट की करते थे मदद

Thursday, Jul 01, 2021 - 03:03 PM (IST)

बीजिंगः कोरोना महामारी को लेकर चीन की फिर पोल खुल गई है। अब एक नई रिपोर्ट में चीन के कारनामों को लेकर लीक हुए दस्तावेज से पता चलता है कि  इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. झेंगली चीन की सेना के दो वैज्ञानिकों के साथ संपर्क में थीं और दोनों वैज्ञानिक डॉक्टर झेंगली की कोरोना शोध में मदद कर रहे थे। इन में से एक वैज्ञानिक की अब मौत हो चुकी है। वुहान की वायरोलॉजिस्ट पर आरोप लगता रहा है कि उन्होंने चमगादड़ में मिलने वाले कोरोना वायरस पर खतरनाक प्रयोग किए। हालांकि वुहान इंस्टिट्यूट यह बात नकारता रहा है कि उसने सेना के साथ मिलकर कभी काम किया है।

 

अब एक दस्तावेज से वैज्ञानिकों की मिलीभगत का पता चला है। डॉक्टर सी ने सेना के वैज्ञानिक टोन सॉन् के साथ कोरोना वायरस पर 2018 में काम किया था। इसके बाद वर्ष 2019 में उन्होंने जो युसेन के साथ काम किया जिनकी वर्ष 2020 में मौत हो गई   लेकिन कारण पता नहीं । नए दस्तावेजों से यह भी पता चला है कि लैब में कोरोना वायरस से जुड़े सभी पुराने आंकड़े और दस्तावेज नष्ट कर दिए थे ताकि वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई इसका दुनिया को पता न चले । वायरस की उत्पत्ति का साक्ष्य जुटाने 2021 में चीन पहुंची डब्ल्यूएचओ की टीम को भी चीन ने इसी तरह से धोखा दिया।


अमेरिकी सरकार के पूर्व सलाहकार डेविड ऐशर का कहना है कि चीन की सेना ने  अपने मिशन के लिए पूरी फंडिंग की  जिसमें कोरोना महामारी भी शामिल है। डेविड ने पिछले साल जनवरी में भी दावा किया था कि कोरोना महामारी चीन की लैब से होते हुए दुनिया में फैली है। उनका दावा है कि लैब में काम करने वाले कुछ दूसरे वैज्ञानिकों ने बताया है कि वुहान की लैब में चीन की सेना के वैज्ञानिक भी रहते थे।

 

 

Tanuja

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