विश्व बैंक ने फिर बढ़ाई पाकिस्तान की टेंशन, लाद दीं नई शर्तें
Tuesday, Apr 09, 2024 - 06:01 PM (IST)
इस्लामाबादः आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान को विश्व बैंक ने नया झटका देते हुए उसकी टेंशन और बढ़ा दी है। विश्व बैंक ने पाकिस्तान को संवैधानिक आदेशों के साथ संघीय और प्रांतीय खर्चों को संरेखित करके एक राष्ट्रीय राजकोषीय नीति अपनाने, विभिन्न संघीय और प्रांतीय राजस्व एजेंसियों को एक एकल सामान्य बिक्री कर (जीएसटी) संग्रह एजेंसी में विलय करने के लिए कहा है। इस तरह एक तरह से पाकिस्तान पर विश्व बैंक ने नई शर्तें लाद दी हैं।
विश्व बैंक ने क्षेत्र-आधारित छूट, मालिक-कब्जेदार छूट व अनिवासी छूट जैसी सब्सिडी घटाने समेत संघीय व प्रांतीय खर्चों की एकीकृत राष्ट्रीय राजकोषीय नीति अपनाने का दबाव भी डाला है। अगर शर्तें पूरी होती हैं तो पाकिस्तान में महंगाई चरम पर होगी।डॉन न्यूज के मुताबिक, इनके लिए पाकिस्तान को कड़े वित्तीय फैसले लेने होंगे। विश्व बैंक ने पाकिस्तान सरकार को यह भी कहा कि वह संघीय और प्रांतीय स्तरों पर नए राजकोषीय उत्तरदायित्व और ऋण सीमा अधिनियम को लागू करे। इन सुझावों के आईएमएफ कार्यक्रम का हिस्सा बनने की उम्मीद है, जिस पर पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब अगले सप्ताह वाशिंगटन में विश्व बैंक-आईएमएफ की बैठकों में ऋणदाता के साथ चर्चा करेंगे। बैंक ने फेडरेशन और उसकी संघीय इकाइयों में जीएसटी सामंजस्य पर ठोस प्रगति की मांग रखी है।
विश्व बैंक ने प्रशासनिक जटिलता को कम करने के लिए सभी जीएसटी संग्रह जिम्मेदारियों को एक ही निकाय (एजेंसी) के साथ समेकित करने का सुझाव दिया, जो सांविधानिक प्रावधानों के अनुसार राजस्व दे सकती है। वर्तमान में, जीएसटी ज्यादातर वस्तुओं और कुछ सेवाओं पर संघीय राजस्व बोर्ड द्वारा एकत्र किया जाता है, जबकि कुछ सेवाओं पर जीएसटी एकत्र करने के लिए समान राजस्व बोर्ड प्रांतों में काम कर रहे हैं। विश्व बैंक ने कृषि आयकर के लिए, सरकार से भूमि क्षेत्र की परिभाषा को सुसंगत बनाने, भूमि जोत के आकार के आधार पर छूट पर पुनर्विचार करने और फसल के रकबे या उत्पादन अनुमान के आधार पर सामान्य न्यूनतम दरें निर्धारित करने को कहा है। इससे किसान प्रभावित होगा।