दुनिया की यंगेस्ट अरबपति लड़की अब भी करती है ये काम (pics)

Wednesday, Apr 26, 2017 - 05:39 PM (IST)

ओस्लो: दुनिया में सबसे कम उम्र में सबसे ज्यादा पैसे वाली नार्वे की लड़की एलेक्जेंड्रा एंडरसन (20) हाल ही में  गुपचुप अकेली भारत घूमने के लिए आई और जोधपुर-जैसलमेर घूमने के बाद गुपचुप वापस भी चली गईं।  एलेक्जेंड्रा गत वर्ष उस समय सुर्खियों में आई जब प्रतिष्ठित पत्रिका फोर्ब्स ने उसे महज 19 साल की उम्र में ही दुनिया की सबसे युवा अरबपति घोषित किया। लगातार दूसरे वर्ष भी यह खिताब उन्हीं के नाम रहा।

तंबाकू और फाइनेंस से जुड़े उसके पिता जोहान एंडरसन ने गत वर्ष अपनी कंपनी की अधिकांश हिस्सेदारी अपनी दोनों पुत्रियों एलेक्जेंड्रा व 21 वर्षीय कैथरिना के नाम कर दी। इस वर्ष एलेक्जेंड्रा की संपति करीब 1.7 बिलियन डालर मानी गई है। इतनी ही सम्पति उसकी बहन के नाम है। हालांकि कंपनी को अभी उनके पिता ही संभाल रहे है।
दुनिया घूमने की शौकीन एलेक्जेंड्रा एक बेहतरीन घुड़सवार है। घुड़सवारी की ड्रेसाज प्रतियोगिता में वह कई खिताब अपने नाम कर चुकी है। एलेक्जेंड्रा कई बार कह चुकी है कि वह हमेशा घोड़े पर ही बैठे रहना पसंद करती है। 

एलेक्जेंड्रा ने एक बार कहा कि वह हमेशा अपने पैसा बचाने की जुगत में रहती है। घर से मिलने वाली पॉकेटमनी  व  घुड़सवारी के दौरान मिली इनामी राशि के अलावा बर्थडे पर मिले गिफ्ट के रूप में मिली राशि को वह हमेशा बचा कर रखती ताकि आवश्यकता पड़ने पर  माता-पिता से पैसा मांगे बगैर अपनी जरूरत पूरी कर सके।  एलेक्जेंड्रा ने हाल ही अपनी राजस्थान यात्रा के अनुभव को शेयर किया है।

जयपुर रोड पर जोधपुर से चालीस किलोमीटर दूर स्थित चांदेलाव गढ़ में वे दो दिन रही। उन्होंने वहां पहनी मारवाड़ी ड्रेस की फोटो शेयर करते हुए लिखा कि बिन्दी के साथ नाक में बाली पहन हाथों में मेहंदी लगा मैं किसी प्रिंसेज से कम नजर नहीं आ रही थी। स्थानीय लोग मुझे मूमल कह बुला रहे थे। मेरा प्रिंसेज बनने का सपना यहां आकर पूरा हो गया। मिरर में स्वयं को इस ड्रेस में मैं पहचान ही नहीं पाई।

हमेशा घोड़े की सवारी करने वाली एलेक्जेंड्रा के लिए मारवाड़ में ऊंट की सवारी करना बेहद अलहदा अनुभव रहा। उन्होंने लिखा कि कुछ देर में ही मैने ऊंट को साध लिया।
स्थानीय महिलाओं से मिला अनुभव मैं कभी नहीं भूल सकती। मेरी हमउम्र कई महिलाओं की शादी हो चुकी थी और उनके बड़े-बड़े बच्चे भी देख मुझे बेहद आश्चर्य हुआ। उनमें से अधिकांश अनपढ़ थी। दुनिया के दूसरे हिस्से की महिलाओं से मिलना वास्तव में आंखें खोलने वाला रहा।


 

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