यह है दुनिया का सबसे अनोखा म्यूज़िम, खासियत जान रह जाएंगे दंग ! (देखें तस्वीरें)

Sunday, Jan 22, 2017 - 11:30 AM (IST)

रेक्जाविक : लोगों ने अपनी लाइफ में  कई तरह के म्यूज़िम देखे होंगे लेकिन एक म्यूज़िम एेसा भी है जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे।  जी हां, आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविक मे स्थित 'आइसलैंडिक फैलोलॉजिकल म्यूजियम' अपने आप में सबसे अलग है, क्योंकि इस म्यूजियम में रखे जाते हैं जानवरों, मछलियों सहित इंसानों के  प्राइवेट पार्ट।

 इस संग्रहालय में आइसलैंड की धरती और पानी मे पाए जाने वाले अधिकतर बच्चे पैदा करने वाले स्तनपायी प्राणियों के लिंगों का संग्रह है।इनमें 56 लिंग 17 अलग-अलग तरह की व्हेल मछलियों के, 36 लिंग 7 अलग-अलग तरह की सील के अतिरिक्त अन्य लिंग आइसलैंड की धरती पर मिलने वाले 26 प्रकार के अन्य स्तनपायी प्राणियों सहित इंसान के भी हैं। इसके अलावा कई लिंग विदेशी जानवारों के है। इस प्रकार कुल मिलाकर 300 से भी अधिक प्राइवेट पार्ट के नमूने यहां संग्रहित हैं। इस म्यूज़ियम को अब तक 4 लोगों ने अपनी मृत्यु के बाद अपना लिंग गिफ़्ट करने का वादा कर रखा है, जिसमें से एक मनुष्य का लिंग तो म्यूज़ियम को मिल भी चुका है, जो कि आइसलैंड के टूरिस्ट गाइड पॉल एरासन (94 साल) का है।

हालांकि उम्र अधिक हो जाने के कारण उनका प्राइवेट पार्ट काफी सिकुड़ चुका था। उनका यह लिंग, अंडकोष के साथ एक जार में रखा गया है। यहां रखे प्राइवेट पार्ट मे सबसे अधिक लम्बाई व्हेल मछली के (67 इंच) , और सबसे कम लम्बाई हेमस्टर की पेनिस बोन (.081 इंच जिसे देखने के लिए मेग्निफाइन ग्लास की जरूरत पड़ती है),  की है। पेनिस बोन, पेनिस में पाई जाने वाली हड्डी होती है जो की इंसानों के पेनिस में नहीं होती है लेकिन कई जानवरों जैसे गोरिल्ला, चिम्पांज़ी आदि में पाई जाती है। इस म्यूज़िम की शुरुआत एक मज़ाक से हुई थी।

बात 1974 की है जब जारटार्सन आइसलैंड के एक स्कूल में हैडमास्टर थे। एक बार गर्मियों की छुटियों में वो पास के गांव घूमने गए। वहां पर उन्हें किसी ग्रामीण ने एक बैल का लिंग दिया। उन्होंने वो लिंग वापस आकर अपने साथी टीचर्स को दिखाया। उनके साथी अध्यापक भी गर्मियों की छुट्टियों में पास ही स्थित व्हेल स्टेशन पर काम किया करते थे। उन्होंने जारटार्सन का मजाक उडाने के लिए व्हेल स्टेशन से एक विशाल व्हेल का प्राइवेट पार्ट लाकर दिया।लेकिन इसका उलटा असर जारटार्सन पर हुआ। जारटार्सन ने लिंगों का संग्रह करना शुरू कर दिया। 1997 में, जब उन्होंने रेक्जाविक मे पेनिस म्यूज़ियम खोला, उनके पास 62 प्राइवेट पार्ट का संग्रह हो चुका था। वर्तमान में यह संख्या 300 से ज्यादा हो चुकी है।

इस म्यूज़ियम में साल भर में औसतन 11000 विज़िटर आते हैं। यहां आने वाले विज़िटर्स में से 60 % महिलाएं होती हैं। इस म्यूज़ियम को वर्तमान में जारटार्सन के पुत्र सीगुरोसों संभाल रहे हैं। एक जर्मन आदमी ने इस म्यूज़ियम को ख़रीदने के लिए 232000 डालर का प्रस्ताव दिया था। एक अन्य बिजनेसमैन ने इसे ब्रिटेन में शिफ्ट करने का प्रस्ताव रखा था। दोनों ही प्रस्ताव जारटार्सन द्वारा नकार दिए गए। 2008 के बीजिंग ओलम्पिक में आइसलैंड की हैंडबॉल टीम ने सिल्वर मैडल जीता था। उनकी जीत की ख़ुशी में म्यूज़ियम में सभी 15 खिलाड़ियों के हूबहू लिंग बनाए गए थे। इन लिंगों को इसी म्यूज़ियम में रखा गया है।

2004 तक यह म्यूज़ियम रेक्जाविक में ही था। इसे आइसलैंड सरकार की तरफ़ से आर्थिक मदद मिलती थी जो कि सरकार ने 2004 में बंद कर दी। तब जारटार्सन ने इसे पास के एक गांव में शिफ़्ट कर दिया। पर 2011 में उनके बेटे ने इसे दुबारा रेक्जाविक में नए संग्रालय में शिफ़्ट किया। इस म्यूज़ियम का सारा आर्ट वर्क भी पेनिस को समर्पित है। जारटार्सन और उसके बेटे सीगुरोसों की इच्छा इस म्यूज़ियम को (फैलोलॉजी, मेडिकल साइंस की एक ब्रांच है जिसमें प्राइवेट पार्ट का अध्ययन किया जाता है) विश्वस्तरीय स्टडी सैंटर के रूप में विकसित करने की है।

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