महिला वकालत समूह ने UN एजेंसियों से अफगानिस्तान के लिए मांगी तुरंत मानवीय सहायता

Wednesday, Jul 13, 2022 - 01:26 PM (IST)

काबुल: अफगानिस्तान में स्थित एक महिला वकालत समूह (AWAG)  ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों  से अफगानिस्तान की आबादी को तुरंत मानवीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है जो देश में हालिया सशस्त्र संघर्षों के परिणामस्वरूप प्रभावित और विस्थापित हैं। AWAG ने कहा, 'बल्खब, अंदारब व पंजशीर में लोग मानवीय संकट से गुजर रहे हैं। समय रहते लोगों को खाद्य और स्वास्थ्य संबंधी सुविधा मुहैया न कराने पर वहां मानवीय आपदा पैदा हो सकती है। 

 

अंतर्राष्ट्रीय मानवीय एजेंसियों को लिखे एक पत्र में  अफगान महिला वकालत समूह (AWAG) ने बलखब जिले जैसी जगहों पर तालिबान के हमलों के परिणामस्वरूप विस्थापित हुए अफगानों के बारे में अंतर्राष्ट्रीय सहायता एजेंसियों की निष्क्रियता के बारे में चिंता व्यक्त की।  AWAG ने कहा है कि इन हमलों में सबसे ज्यादा महिलाएं एवं बच्चे प्रभावित हुए हैं। अफगान महिला वकालत समूह के अनुसार, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मानवीय एजेंसियों के रूप में OCHA और ICRC को सर-ए-पुल के बखाब जिले और बगलान प्रांत के पंजशीर और अंदराब जिलों में हाल के सशस्त्र संघर्षों से प्रभावित और विस्थापित अफगान आबादी को तत्काल सहायता प्रदान करनी चाहिए।

 

समूह ने भूकंप से प्रभावित अफगानों के लिए सहायता एजेंसियों के सामूहिक प्रयासों को स्वीकार किया, लेकिन तालिबान हमलों के परिणामस्वरूप विस्थापित हुए अफगानों के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय सहायता एजेंसियों की निष्क्रियता के बारे में चिंता जताई। AWAG ने कहा कि  अफगानिस्तान में वर्तमान स्थिति को देखते हुए, हम मानते हैं कि भोजन और चिकित्सा आपूर्ति सहित आपकी उदार और समय पर सहायता के बिना, एक मानवीय तबाही हो सकती थी। हालांकि, हम अफगानों के संबंध में अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों की निष्क्रियता के बारे में चिंतित हैं, जो बलखब, अंदराब और पंजशीर में तालिबान के हमलों के परिणामस्वरूप विस्थापित हुए थे।

 

समूह ने कहा कि तालिबान द्वारा इन जिलों और प्रांतों में नागरिकों के खिलाफ 'परेशान करने वाले युद्ध अपराध' किए जा रहे हैं । बलखब जिले के सैकड़ों परिवार पहाड़ों पर चले गए, जबकि हजारों अन्य बामियान सहित अन्य प्रांतों में भाग गए।'उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद देश की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। तालिबान ने महिलाओं व लड़कियों को तो उनके अधिकारों से भी वंचित कर दिया है।
 

Tanuja

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