व्हाइट हाउस ने कहा, वॉइस ऑफ अमेरिका चीन के दुष्प्रचार को बढ़ावा दे रही

Friday, Apr 10, 2020 - 04:37 PM (IST)

वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका से वित्तपोषित वैश्विक मीडिया नेटवर्क ‘वॉइस ऑफ अमेरिका’ (वीओए) कोरोना वायरस को लेकर चीन के प्रोपेगेंडा (दुष्प्रचार) को बढ़ावा दे रहा है। कई भाषाओं में खास तौर पर विकासशील देशों में प्रसारण करने वाले इस नेटवर्क के खिलाफ व्हाइट हाउस ने अभियान छेड़ा है।

व्हाइट हाउस ने अपने न्यूजलेटर ‘1600 डेली’ में वीओए के उस प्रसारण का हवाला दिया है जिसमें चीन के वुहान के लॉकडाउन या बंद को सफल बताया गया था। चीन में वुहान इस वायरस के संक्रमण का मुख्य केंद्र था। वीओए ने इसे ‘सफल मॉडल’ बताते हुए कहा था कि कई देशों ने बंद को अपनाया। व्हाइट हाउस ने कहा पत्रकारों को तथ्यों को लोगों तक पहुंचाने चाहिए। वीओए इसके बदले बीजिंग के दुष्प्रचार को बढ़ावा दे रहा है। इस सप्ताह वीओए ने चीन के वुहान को सफल मॉडल बताते हुए कहा है कि इसे कई देशो ने अपने यहां लागू किया। इसके बाद कम्युनिस्ट सरकार के एक वीडियो को भी ट्वीट किया जिसमें सरकार पृथक वास के कथित तौर पर खत्म होने का उत्सव मना रहा थी।

व्हाइट हाउस ने कहा कि वीओए यहीं नहीं रूका। अमेरिकी मीडिया चीन से जानकारी लेती है लेकिन यह एक कदम बढ़ते हुए कम्युनिस्ट सरकार के आंकड़े को चीन के मुकाबले अमेरिका में हुई मौतों को दिखाते हुए ग्राफिक्स बनाया। व्हाइट हाउस ने कहा कि जैसा कि खुफिया विशेषज्ञ बता चुके हैं कि चीन द्वारा बताई गई संख्या के सही होने की पुष्टि नहीं की जा सकती है। व्हाइट हाउस ने अपने नियमित समाचार में कहा कि वीओए एक वैश्विक नेटवर्क है जिसका वित्तपोषण अमेरिकी करदाता करते हैं और यह 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर अपने मिशन पर ‘अमेरिका की कहानी और उसकी नीतियों को विश्व में बताने के लिए खर्च करती है लेकिन आजकल वीओए प्राय: अपने नागरिकों की जगह विरोधियों के लिए बोलता है और कोरोना वायरस का मामला भी इससे इतर नहीं है।

 


 

rajesh kumar

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