यमन गृहयुद्ध विभीषका का भयावह सचः भुखमरी से बचने के लिए बच्चे उठा रहे हथियार
Saturday, Dec 29, 2018 - 05:57 PM (IST)
खार्तूमः यमन के गृहयुद्ध की ऐसी दर्दनाक कहानी सामने आई है जो दिल दहला देगी। यमन से 1,200 मील दूर एक 16 वर्षीय लड़का हागर शोमो भूखमरी के कारण सूडानी मिलिशिएन में शामिल हो गया। यहां अकेला हागर ही नहीं बल्कि यहां हजारों बच्चे सूडानी मिलिशिएन के साथ लड़ रहे हैं। इतना ही नहीं इस युद्ध में सैकड़ों बच्चों ने अपनी जान भी गवांई है।
यहां चल रही हिंसा की तस्वीर चौंकाने वाली है। इस युद्ध से वापस आए लोगों ने जो बयां किया वह और अधिक चकित करने वाला है। उनका कहना है कि यहां भूखमरी इस कगार पर पहुंच गई है कि कुछ परिवार भूख से बचने के लिए अपने बच्चों को युद्ध की विभिषिका में झोंक रहे हैं। इतना ही नहीं वह अपने बच्चों को युद्ध में शामिल होने के मिलिशिया अधिकारियों को रिश्वत दे रहे हैं। खास बात यह है कि इसमें बहुत कम उम्र के बच्चे शामिल हैं। उनका दावा है कि इस युद्ध में शामिल बच्चों की संख्या 14 से 17 साल के बीच की है। यमन से लौटो पांच सेनानियों ने दावा किया है कि उनके समुह में करीब 20 फीसदी बच्चे शामिल थे।
वहीं दूसरे सदस्य ने दावा किया कि ऐसे बच्चों की संख्या 40 फीसदी से अधिक थी। सूडानी सैनिकों का दावा है कि दारफुर संघर्ष में हजारों लोग फंसे हैं, इनमें बड़ी तादाद बच्चों की हैं। संयुक्त राष्ट्र ने यमन में हो रही हिंसा और युद्ध पर चिंता जाहिर किया है। एजेंसी का कहना है कि यमन में हालात बेहद खराब हैं। यहां चल रहे युद्ध के चलते मानवीय संकट गहरा गया है। यहां सक्रिय सहायता समूहों के अनुसार, सउदी और संयुक्त अरब अमीरात में उनके सहयोगियों द्वारा रुक-रुक कर की गई हिंसा में करीब एक करोड़ बीस लाख लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इसमे एक बड़ी तादाद बच्चों की है। यहां करीब 85,000 बच्चों की मौत हो चुकी है।