बैंको का पैसा लौटाने के लिए तैयार विजय माल्या, साथ ही रखी ये शर्त

Wednesday, Dec 05, 2018 - 12:41 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः शराब कारोबारी और भारत के बैंकों से कर्ज लेकर भागने वाले विजय माल्या (Vijay Mallya) बैंकों के कर्ज चुकता करने को तैयार हैं। इस बात की पुष्टि विजय माल्या ने खुद की । उन्होंने खुद सुबह ट्वीट कर कहा है कि वह भारतीय बैकों के सारे कर्ज चुकता करने को तैयार हैं, मगर वह ब्याज नहीं दे सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि वह 2016 से बैंकों की बकाया राशि का निपटान करने के लिये पेशकश कर रहे थे।



माल्या प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने दावा कि नेताओं और मीडिया ने उन्हें गलत तरीके से डिफॉल्टर के रूप में पेश किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, मैंने देखा है कि मेरे प्रत्यर्पण के फैसले को लेकर मीडिया में कई चर्चाएं चल रही हैं। यह अलग मामला है और इसमें कानून अपना काम करेगा। माल्या ने कहा, जनता के पैसे सबसे जरूरी चीज है और मैं 100 प्रतिशत पैसे वापस करने की पेशकश कर रहा हूं। मैं बैंकों और सरकार से अनुरोध करता हूं कि वो इस पेशकश को स्वीकार करें। माल्या पर कई बैंकों का 9000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। यह कर्ज उसकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को दिया गया था। माल्या मार्च 2016 में देश छोड़कर ब्रिटेन चले गये थे।

 


नेताओं और मीडिया को बताया झूठा
माल्या ने ट्विटर पर लिखा, 'नेता और मीडिया लगातार जोर-जोर से मुझे ऐसा डिफॉल्टर बता रहे हैं जो सरकारी बैंकों का पैसा लेकर भाग गया। यह सब झूठ है। मेरे साथ उचित व्यवहार क्यों नहीं किया जाता और मैंने कर्नाटक हाई कोर्ट के सामने लोन सेटलमेंट का जो विस्तृत प्लान पेश किया था, उसकी इतनी ही जोर-शोर से बात क्यों नहीं होती है? दुखद।'

किंगफिशर के अंत पर जताया दुख
विजय माल्या ने तीन ट्वीट किए। एक अन्य उन्होंने कहा है कि 'पिछले तीन दशकों तक सबसे बड़े शराब समूह किंगफिशर ने भारत में कारोबार किया है। इस दौरान कई राज्‍यों की मदद भी की है किंगफिशर एयरलाइंस भी सरकार को भरपूर भुगतान कर रही थी लेकिन शानदार एयरलाइंस का दुखद अंत हुआ, मगर फिर भी मैं बैंकों भुगतान करना चाहता हूं जिससे उन्‍हें कोई घाटा न हो। कृपया इस ऑफर को स्‍वीकार करें।


माल्या ने कहा किंगफिशर एयरलाइंस ईंधन की ऊंची दरों का शिकार हुई और वह एक शानदार एयरलाइंस थी, जिसने क्रूड ऑयल की 140 डॉलर प्रति बैरल के उच्‍चतम कीमत का सामना किया। घाटा बढ़ता गया, बैंकों का पैसा इसी में जाता रहा। मैंने बैंकों को 100 प्रतिशत मूलधन वापसी का ऑफर दिया है। कृपया आप इसे स्‍वीकार करें। 

 

 

Isha

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