चीन की क्रूरताः हिरासत केंद्र में बंदी की मदद करने वाले उइगर पुलिसकर्मी की ले ली जान

Wednesday, Dec 08, 2021 - 02:26 PM (IST)

 बीजिंग: चीन सरकार अशांत शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों को क्रूरता से हिरासत शिविरों में बंद कर उनपर अत्याचार कर रही  है। चीन की शी जिनपिंग की सरकार द्वारा  सुनियोजित तरीके से उइगरों का दमन किया जा रहा है। मानवाधिकारों के हनन को लेकर चीन की एक और करतूत सामने आई है।  अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने एक उइगर पुलिस कर्मी को शिनजियांग के हिरासत केंद्र में एक बंदी की मदद करने पर मौत के घाट उतार दिया। इस संबंध में कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि हिरासत केंद्र में एक उइगर पुलिस कर्मी ने आत्महत्या लेकिन अब सामने आया है कि उसे मारा गया था।

 

वाशिंगटन स्थित प्रकाशन  RFA ने कहा कि नूरमेमेट युसुप की अगस्त के पहले सप्ताह के दौरान रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी। एक सूत्र का हवाला देते हुए RFA ने कहा कि मौत का कारण तुरंत स्पष्ट नहीं था। बाद में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नूरमेमेट ने पूछताछ के दौरान आत्महत्या कर ली। शिनजियांग की राजधानी में  पुलिस स्टेशन में काम करने वाले नूरमेमेट को जुलाई के अंत में एक अपराधी के साथ सहानुभूति रखने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार  उइगर पुलिस अधिकारी के बारे में कहा गया था कि उन्होंने "एक शिविर बंदी के चेहरे से उल्टी का खून पोंछ दिया था जिसके बाद नूरमेमेट को मौत के घाट उतार दिया गया ।

 

उरुमकी के उलानबे जिले के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि नूरमेमेट की मौत एक राजकीय रहस्य थी और अधिकारियों को कारण का खुलासा नहीं करने के लिए एक विशेष नोटिस जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि "हम इस मामले को जानते हैं, लेकिन यह एक राज्य रहस्य है," । "हम आपको इस बारे में कुछ नहीं बता सकते।" बता दें कि  चीन को उइगर मुसलमानों को सामूहिक निरोध शिविरों में भेजने, उनकी धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करने और समुदाय के सदस्यों को किसी प्रकार की जबरन पुनर्शिक्षा या शिक्षा से गुजरने के लिए विश्व स्तर पर फटकार लगाई जा रही है।

 

इस साल की शुरुआत में अमेरिका शिनजियांग में चीनी कार्रवाइयों को "नरसंहार" घोषित करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। फरवरी में, कनाडा और डच दोनों संसदों ने उइगर संकट को नरसंहार के रूप में मान्यता देने वाले प्रस्तावों को अपनाया। ऐसा करने वाली यूरोप की पहली संसद बनी। अप्रैल में यूनाइटेड किंगडम ने भी शिनजियांग में चीन की चल रही कार्रवाई को "नरसंहार" घोषित किया।

Tanuja

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