"पाक को बलि का बकरा बनाना चाहता है अमरीका"

Tuesday, Jul 25, 2017 - 02:41 PM (IST)

वाशिंगटनः अमरीका द्वारा पाकिस्‍तान को आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह करार देने को पाकिस्‍तान सीनेटर मुशाहिद हुसैन ने कहा कि अफगानिस्‍तान में असफलता के लिए अमरीका पाकिस्‍तान को बलि का बकरा बनाना चाहता है। 2016 आतंकवाद पर अमरीका की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए हुसैन ने कहा, देश व दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में आतंक से संघर्ष में इस माह की शुरुआत से अंतर्राष्‍ट्रीय दवाब बढ़ता जा रहा है।

सोमवार को वाशिंगटन में अटलांटिक काउंसिल में ‘मीडिया डिप्‍लोमैसी: चैलेंजिंग द इंडो-पाक नैरेटिव’ पर बोलते हुए हुसैन ने यह बयान दिया। भारत के पूर्व सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी भी इस अवसर पर मौजूद थे। डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन ने आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह उपलब्‍ध कराने वाले क्षेत्रों में पाकिस्‍तान का नाम बनाए रखा है।

अपने सालाना रिपोर्ट, ‘कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्‍म’ पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस्‍लामाबाद में लश्‍कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्‍मद की गतिविधियां जारी हैं।तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा पाकिस्‍तान के भीतर हमले जारी हैं जिसके लिए पाकिस्‍तानी सेना व सुरक्षाबलों ने कार्रवाई की। विदेश विभाग ने बताया कि पाकिस्‍तान की ओर से अफगान तालिबान या हक्‍कानी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है जो अफगानिस्‍तान में अमरीका के हित के लिए खतरा हैं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र की ओर से आतंकी संगठन घोषित कुछ ग्रुप जैसे लश्‍कर ए तैय्यबा, जमात उद दावा और फालाह ए इंसानियत फाउंडेशन पाकिस्‍तान में आराम से रैलियों का आयोजन और फंड इकट्ठा कर सकते थे। लश्‍कर व जमात उद दावा का प्रमुख हाफिज सईद भी संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा घोषित किया गया आतंकी है और यह पाकिस्‍तान में सार्वजनिक सभाएं करता था जिसे पाकिस्‍तानी मीडिया कवर करती थी।

 

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