रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के लिए सीरिया को चुकानी होगी भारी कीमत: US

Wednesday, Apr 12, 2017 - 02:19 PM (IST)

वाशिंगटन: अमरीका के रक्षामंत्री जिम मेटिस ने कहा है कि अगर सीरिया रासायनिक हथियारों का दोबारा इस्तेमाल करता है तो उसे ‘‘बेहद भारी कीमत’’ चुकानी पड़ेगी। इसके साथ ही मेटिस ने जोर देकर कहा कि सीरिया में अमरीका की शीर्ष प्राथमिकता इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह से लड़ते रहने की है।  

मेटिस ने रक्षा प्रमुख के तौर पर पेंटागन में अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘यदि वे रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें बेहद भारी कीमत चुकानी होगी।’’मेटिस ने रूस के आरोपों के बावजूद पिछले सप्ताह सीरिया में किए गए अमरीकी मिसाइल हमलों का बचाव किया। रूस का आरोप है कि अमरीका सीरिया प्रशासन द्वारा रासयानिक हथियारों के इस्तेमाल की फर्जी कहानी गढ़ रहा है।  


और क्या बोले मैटिस?
मेटिस ने कहा,‘‘पिछले मंगलवार यानी चार अप्रैल को सीरियाई प्रशासन ने रासयानिक हथियारों का इस्तेमाल कर अपने ही लोगों पर हमला बोला। मैंने खुफिया जानकारी की खुद समीक्षा की है और इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हमले के फैसले और हमले के लिए सीरिया प्रशासन जिम्मेदार है।’’ उन्होंने कहा,‘‘हमले के जवाब में हमारी सरकार ने राष्ट्रपति को कूटनीतिक एवं सैन्य विकल्पों की सिफारिश करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के नेतृत्व में एक विस्तृत प्रक्रिया शुरू की। हमने कई दिनों तक बैठकें कीं और मैंने अपने कुछ सहयोगियों से बात की।’’ मेटिस ने कहा,‘‘हमने तय किया कि एक नपा तुला सैन्य जवाब प्रशासन को एेसा दोबारा करने से रोकने का सर्वश्रेष्ठ तरीका होगा। हमेशा की तरह, हमने इस बात को आंका कि हमला करने के दौरान नागरिकों को हताहत होने से कैसे बचाया जा सकता है। हमारे कदम सफल रहे।’’ 


क्या है मामला?
सीरिया में 4 अप्रैल को केमिकल अटैक में 100 से ज्यादा लोग मारे गए।ट्रंप ने 6 अप्रैल को सीरिया पर हमले का आदेश दिया। 7 अप्रैल को अमरीका ने मेडिटेरेनियन सी में 59 टॉमहॉक मिसाइलें दागीं। यूएस मिलिट्री के इस हमले में सीरिया के अल-शयरात एयरबेस को निशाना बनाया गया। इस हमले में 4 बच्चों सहित 9 लोग मारे गए। हमले के बाद ट्रंप ने कहा, "सीरिया में जो खून-खराबा हो रहा है, उसके लिए असद ही जिम्मेदार हैं। वहां मासूम लोग, महिलाएं और बच्चे मारे जा रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" बता दें कि अमरीका की कार्रवाई का जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, तुर्की, सऊदी अरब, स्पेन ने समर्थन दिया है। वहीं, चीन, ईरान और रूस सीरिया की असद सरकार के साथ हैं।

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