सीमा पर रोबोट लेंगे दुश्मन से लोहा

Monday, Feb 05, 2018 - 08:07 PM (IST)

वाशिंगटनः वैज्ञानिकों की खोज से अब वो दिन दूर नहीं रह गया है, जब सीमाओं पर इंसानों के साथ रोबोट भी दुश्मनों से लोहा लेते हुए दिखाई देंगे।  इसका एक अर्थ यह भी है कि भविष्य में देश की सीमाओं पर जवानों के तौर पर यही रोबोट आर्मी दिखाई देगी। मौजूदा समय में ड्रोन को इसका ही समकक्षी माना जा सकता है। सीमा पर तैनात रोबोट भी कुछ इसी तरह से काम करेंगे।

दुनियाभर के वैज्ञानिक इन दिनों आर्टिफीशियल इंटेलिजैंस (AI) तकनीक पर काम कर रहे हैं। इसके जरिए आधुनिक रोबोट, कंप्यूटर प्रोग्राम और मोबाइल विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ मानव जीवन का हिस्सा भी बन चुके हैं तो कुछ भविष्य में मनुष्यों के काम आसान करने में प्रयोग में आएंगे। इसी कड़ी में अमरीकी वैज्ञानिकों को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। उन्होंने ऐसी AI तकनीक विकसित कर ली है, जिसके जरिए रोबोट और कंप्यूटर प्रोग्राम मानव प्रशिक्षकों से बातचीत करने में सक्षम होंगे और इन रोबोट को सेना के लिए तैयार किया जा सकेगा।

USआर्मी रिसर्च लैबोरटरी और ऑस्टिन स्थित द यूनिवर्सिटी ऑफ टैक्सास के शोधकर्ताओं ने एक विशिष्ट मामले पर विचार किया था, जिसमें एक व्यक्ति (प्रशिक्षक) रीयल टाइम में रोबोट तक अपनी प्रतिक्रिया पहुंचाने में सक्षम हो। इसके लिए शोधकर्ताओं ने ट्रेनिंग एन एजेंट मैनुअली विआ इवैलुएटिव रीइनफोर्समेंट (टीएएमईआर) तैयार किया और फिर दल द्वारा एक नया एल्गोरिदम डीप टीएएमईआर तैयार की गई।

उदाहरण स्वरूप रोबोट एक दीवार पर तो चल सकता है और इसके लिए उसे तैयार भी किया जा सकता है, लेकिन इसी क्रम में यदि रोबोट किसी चट्टान के किनारे चले तो ये घातक भी साबित हो सकता है। ऐसी स्थिति में मानव प्रशिक्षक उसे सही रास्ता दिखाएगा। उसकी गति को नियंत्रित करने के साथ कोई गलत कदम उठाने से भी रोकेगा। 

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