अफगान में शांति के बाद दक्षिण एशिया नीति चार ‘R’ और एक ‘S’ पर निर्भर: मैटिस

Wednesday, Oct 31, 2018 - 04:54 PM (IST)

वाशिंगटनः  अमेरिका के रक्षा मंत्री जैम्स मैटिस का कहना है कि अफगानिस्तान में शांति स्थापित के बाद युद्ध प्रभावित देश में अमेरिका की सैन्य भूमिका सशर्त और तत्कालीन सरकार के साथ मिलकर तय होगी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका की दक्षिण एशिया नीति की घोषणा के एक वर्ष से भी ज्यादा समय बाद मैटिस का कहना है कि यह चार ‘आर’ और एक ‘एस’ पर निर्भर है।

संसद से जुड़े एक  थिंक टैंक ‘यूएस इंस्टीचयूट ऑफ पीस’ में मैटिस ने कहा, ‘‘शांति स्थापित होने के बाद अमेरिकी सैन्य गठबंधन की कोई भी भूमिका सशर्त, अफगानिस्तान सरकार के साथ बातचीत पर और खतरे की गंभीरता पर निर्भर करेगी।’’  उन्होंने कहा कि इसमें पहला ‘आर’ है ‘रीजन्लाइजेशन’ यानी ‘क्षेत्रीयता’। हमने शुरूआत अफगानिस्तान से नहीं की, हमने ऐसा नहीं किया कि एक रणनीति तय कर लें और फिर सोचें कि अब आसपास के देशों को उससे कैसे जोडऩा है। हमने बाहर से भीतर की ओर, यानी सभी को साथ लेकर उस पर ध्यान देते हुए रणनीति बताई।

मैटिस ने कहा, दूसरा ‘आर’ है ‘रीएन्फोसिंग’, जिसमें बलों को  सुदृढ़ बनाने की बात है। तीसरा ‘आर’ ‘री-एलायनिंग’ है जिसके तहत अफगान सुरक्षा बलों की मदद कर रहे सैनिकों को प्रत्यक्ष रूप से प्रशिक्षण, सलाह और सहायता के जरिए फिर से एक लय में लाना है।  मैटिस ने कहा, ‘‘जब तक अफगान के विशेष बलों के साथ नाटो मौजूद था तब तक, हर बार, जितनी बार भी वह तालिबान के खिलाफ लड़े, हमेशा जीत हासिल की।’’ उन्होंने कहा, लेकिन अब अफगान सुरक्षा बल देश भर में फैल गए हैं इसलिए अमेरिका ने अपने सैनिकों की भूमिका को वहां विराम दे दिया।

मैटिस ने कहा कि अफगान सुरक्षा बलों ने तालिबान पर अंकुश लगाया। तालिबान ने वहां न केवल शहरों पर कब्जा कर रखा था बल्कि चुनाव प्रक्रिया को भी बाधित करना चाहा था। उन्होंने कहा ‘‘चौथा आर है रिकॉन्सिलिएशन यानी सुलह सहमति और इसके लिए वहां संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत की भूमिका निभा चुके जालमे खलीलजाद को खास तौर पर लाया गया।’  मैटिस ने कहा कि खलीलजाद ने अथक प्रयास किया और अब हम इसे आगे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि वहां प्रगति के साथ ही  हिंसा का भी दौर जारी है।’’  
 

Tanuja

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