इस कारण नागासाकी बना था परमाणु बम का निशाना

Wednesday, Aug 09, 2017 - 12:16 PM (IST)

हिरोशिमा: जापान के हिरोशिमा पर 6 अगस्त,1945 को पहला परमाणु बम गिराया गया। परमाणु बम के धमाके के बाद हिरोशिमा में 13 वर्ग किलोमीटर के इलाके में एक झटके में तबाही मच गई। 
देखते ही देखते डेढ़ लाख लोगों को निगल गया लिटिल ब्वॉय
6 अगस्त 1945, यह वह तारीख थी जिसे आज तक कोई भूल नहीं पाया। इसी दिन  अमरीका ने जापान के हिरोशिमा पर दुनिया का पहला परमाणु बम गिराया था। एक ऐसा दिन जिसने दुनिया को एक नए तरह के हथियार से रूबरू करवाया,जिसे एटम बम या परमाणु बम कहा जाता है। इस बम का नाम था लिटिल ब्वॉय जिसे आप कम आंकने की कोशिश हरगिज न करें। इस लिटिल ब्वॉय ने देखते ही देखते डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोगों की जिंदगियां छीन ली थीं। इससे होने वाली नुकसान का जब तक पूरा अंदाजा लगाया जाता, उससे पहले ही जापान के एक दूसरे शहर नागासाकी पर भी अमरीका ने परमाणु बम गिराया।
नागासाकी नहीं था अमरीका का अगला निशाना 
नागासाकी पर 9 अगस्त, 1945 को परमाणु बम गिराया गया। हालांकि नागासाकी पर परमाणु हमला तय नहीं था। जानकारी मुताबिक, 8 अगस्त,1945 की रात बीत चुकी थी, अमरीका के बमवर्षक बी-29 सुपरफोर्ट्रेस बॉक्स पर एक बम लदा हुआ था। इस बम का वजन 4050 किलो था जिसके चलते इसका नाम विंस्टन चर्चिल के सन्दर्भ में 'फैट मैन' रखा गया। अमरीका के दूसरे बम के निशाने पर जापान का औद्योगिक नगर कोकुरा जहां सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा गोला-बारूद बनाने वाली फैक्टरियां थीं।
इस अभियान के ग्रुप कैप्टन लियोनार्ड चेशर ने बाद में बताया,"हमने सुबह 9 बजे उड़ान शुरू की। बम इसी ऊंचाई से गिराया जाना था, लेकिन नगर के ऊपर बादलों का डेरा था। बी-29 फिर से घूम कर कोकुरा पर आ गया। जब हम मुख्य निशाने पर पहुंचे तो वहां पर बादल थे। सुबह 9 बजकर पचास मिनट पर नीचे कोकुरा नगर नजर आने लगा लेकिन बी-29 विमान 31,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। लेकिन जब शहर पर बम गिराने की बारी आई तो फिर से शहर पर धुंए का कब्जा था और नीचे से विमान-भेदी तोपें आग उगल रहीं थीं। बी-29 का ईंधन कम होता चला जा रहा था। विमान में सिर्फ इतना ही ईंधन बचा था कि वापस पहुंच सकें। तभी हमें इसे छोड़ने का संदेश मिला और हम दूसरे लक्ष्य की ओर बढ़े जो कि नागासाकी था।"

घड़ी में 11 बजकर 2 मिनट का समय था। आग का एक भीमकाय गोला मशरुम की शक्ल में उठा और तेजी से सारे शहर को निगलने लगा। नागासाकी के समुद्र तट पर तैरती नौकाओं और बन्दरगाह में खड़ी तमाम नौकाओं में आग लग गई।देखते ही देखते हर तरफ लाशों का ढेर लग गया। बाद के अनुमानों में बताया गया कि हिरोशिमा में एक लाख 40 हज़ार लोगों की मौत हुई थी। जबकि नागासाकी में हुए धमाके में करीब 74 हजार लोगों की मौत हुई।

Advertising