बढ़ सकता है अमरीका-चीन के बीच विवाद

Sunday, Feb 19, 2017 - 11:51 AM (IST)

बीजिंग/वॉशिंगटनः साउथ चाइना सी को लेकर अमरीका-चीन के बीच विवाद बढ़ सकता है। अमरीका ने साउथ चाइना सी में पैट्रोलिंग के लिए एयरक्राफ्ट कैरियर शिप्स का बेड़ा भेजा है। इससे पहले बुधवार को चीन ने साउथ चाइना सी में अपनी सोवेरीनटी (संप्रभुता) बरकरार रखने को लेकर यूएस को वॉर्निंग दी थी। अमरीका ने शनिवार को निमित्ज क्लास के एयरक्राफ्ट कैरियर USS कार्ल विन्सन समेत शिप्स के बेड़े को साउथ चाइना सी में रवाना कर दिया। 

डोनाल्ड ट्रंप के प्रेसिडेंट बनने के बाद से साउथ चाइना सी को लेकर अमरीका के रुख में तल्खी आई है। व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी शॉन स्पाइसर ने कहा था, "साउथ चाइना सी में जो आइलैंड्स हैं, उन पर पूरी दुनिया का हक है। केवल चीन उन पर धौंस नहीं जमा सकता।"  "सच तो ये है कि साउथ चाइना सी के आइलैंड्स चीन नहीं, बल्कि इंटरनैशनल वाटर का हिस्सा हैं। ट्रंप का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को किसी एक देश के कब्जे में रहने नहीं दिया जाएगा।"  इस पर चीन की विदेश मंत्रालय की स्पोक्सपर्सन हुआ चुनयिंग ने कहा, "साउथ चाइना सी में अमरीका पार्टी नहीं है। उसे इस मामले से दूर रहना चाहिए।"

"साउथ चाइना सी में चीन का निर्विवादित एकाधिकार (सोवेरीनटी) है। हम उसकी सुरक्षा करने में कमिटेड है। चीन के पास वहां कहीं भी आने-जाने की आजादी है।"
 चुनयिंग ने ये भी कहा, "सोवेरीनटी को लेकर हमारे और US के ओपिनियन में थोड़ा मतभेद है। लेकिन इतना तो तय है कि साउथ चाइना सी अमेरिका के लिए नहीं है।"
 बीजिंग में विदेश मामलों के एक्सपर्ट सुन हाओ के मुताबिक, "अगर अमेरिका, चीन को उसकी सामुद्रिक सीमाओं में जाने से रोकता है तो दोनों देशों के बीच जंग का खतरा बढ़ेगा।" चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के तेंग जियानकुन के मुताबिक, "अगर अमरीका, चीन को रोकता है तो यह जंग का एेलान करने जैसा होगा। इसे मूर्खता भी कह सकते हैं।"

साउथ चाइना सी का लगभग 35 लाख स्क्वेयर किलोमीटर का एरिया विवादित है। इस पर चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई दावा करते रहे हैं।
साउथ चाइना सी में तेल और गैस के बड़े भंडार दबे हुए हैं।अमरीका के मुताबिक, इस इलाके में 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फुट  नैचुरल गैस का भंडार है। वियतनाम इस इलाके में भारत को तेल खोजने की कोशिशों में शामिल होने का न्योता दे चुका है। इस समुद्री रास्ते से हर साल 7 ट्रिलियन डॉलर का बिजनेस होता है।
  

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