H-1B वीजा मुद्दे से भारत-US के रिश्तों पर पड़ सकता है असर

Saturday, Nov 12, 2016 - 12:45 PM (IST)

वॉशिंगटन:अमरीका में दक्षिण एशिया मुद्दों पर एक प्रसिद्ध विशेषज्ञ ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन भारत-अमरीका संबंधों में हुई प्रगति पर निर्मित होगा और यह आतंकवाद पर पाकिस्तान की ‘‘दोहरी नीतियों’’ को लेकर कम उदार होगा, लेकिन एच-1बी वीजाओं का मुद्दा भारत के साथ टकराव का एक संभावित क्षेत्र हो सकता है।

शीर्ष अमरीकी थिंक टैंक ‘हेरिटेज फाउंडेशन’ की लिजा कर्टिस ने कहा,‘‘एेसा प्रतीत होता है कि ट्रंप प्रशासन इन कुछ वर्षों में भारत-अमरीका संबंधों में हुई उल्लेखनीय प्रगति पर निर्मित होगा।’’उन्होंने कहा कि अमरीका में यह द्विदलीय मान्यता है कि एशिया प्रशांत, नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय आदेश और मुक्त एवं खुला समुद्री पारगमन सुनिश्चित करने में अमरीकी उद्देश्यों की प्राप्ति में भारत की भूमिका अहम है।  

हेरिटेज में अमरीकी राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों एवं क्षेत्रीय भूराजनीति पर केंद्रित लिजा ने कहा,‘‘नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने अपने चुनावी प्रचार के दौरान भारत के बारे में कई सकारात्मक टिप्पणियां की हैं जिससे इस सहभागिता में उनका समर्थन झलकता प्रतीत होता है।’’उन्होंने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर ट्रंप का बहुत सख्त रवैया है और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के हमलों से चौकन्ने भारतीयों के बीच उन्हें समर्थन मिलेगा।उन्होंने कहा कि बहरहाल,एच-1बी वीजा दोनों देशों के बीच टकराव का क्षेत्र हो सकता है।उन्होंने कहा,‘‘एच-1बी वीजा का मुद्दा संभावित टकराव का क्षेत्र हो सकता है। यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि अमरीकी कामगारों को सुरक्षा देने के लिए कैसे ट्रंप के वैश्विक कारोबार की पृष्ठभूमि उनकी प्रतिबद्धताओं पर प्रभाव डालेगी।’’ 

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