UN की श्रीलंका के आर्थिक संकट पर पैनी नजर, सरकार से शांतिपूर्वक तनाव कम करने का आग्रह

Thursday, Apr 07, 2022 - 04:33 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने मंगलवार को श्रीलंका में गहराते आर्थिक संकट पर चिंता व्यक्त की और सरकार से शांतिपूर्वक तनाव कम करने का आग्रह किया। OHCHR के प्रवक्ता लिज़ थ्रोसेल ने एक बयान में कहा कि द्वीप राष्ट्र में स्थिति खराब हो गई है और बिजली कटौती के साथ-साथ भोजन और ईंधन की कमी हो गई है, जिससे हताश श्रीलंकाई लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।


OHCHR के प्रवक्ता ने कहा कि "हम श्रीलंका के घटनाक्रम का बारीकी से नजर रख रहे हैं। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में श्रीलंका के अधिकारियों ने देश के सबसे खराब आर्थिक संकट के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के जवाब में आपातकाल  और अन्य प्रतिबंधों की घोषणा कर दी थी।" स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। ऐसा संकट विदेशी मुद्रा की कमी के कारण होता है, जो कोरोनोवायरस महामारी के कारण पर्यटकों के प्रवाह पर प्रतिबंध के परिणामस्वरूप  हुआ और इसके परिणामस्वरूप देश पर्याप्त ईंधन नहीं खरीद सका।

 

COVID-19 महामारी ने द्वीप के  विदेशी मुद्रा का एक प्रमुख स्रोत पर्यटन क्षेत्र को प्रभावित किया है । इसके अलावा  विदेशों में काम करने वाले श्रीलंकाई लोगों के प्रेषण में भी गिरावट आई है। देश में भोजन और आवश्यक आपूर्ति, ईंधन और गैस की भारी कमी है। श्रीलंका के अधिकारियों ने पहले द्वीप पर कर्फ्यू लगा दिया था, जो सोमवार तक वैध था, और सभी सामाजिक नेटवर्क तक सीमित पहुंच थी। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने मंगलवार को देश में एक अप्रैल से लगाए गए आपातकाल को हटा लिया।

 

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि वह घटनाक्रम पर करीब से नजर रखेगा। उन्होंने कहा, "हम सरकार, राजनीतिक दलों और नागरिक समाज से तत्काल, समावेशी और सार्थक बातचीत में शामिल होने का आग्रह करते हैं ताकि श्रीलंका के सामने आने वाली दबाव वाली आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों का समाधान खोजा जा सके और स्थिति के आगे ध्रुवीकरण से बचा जा सके।"
 

Tanuja

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