283.42 करोड़ रुपए हो चुके खर्च, ब्रिटेन अब रोकेगा इस मामले की जांच

Saturday, Feb 11, 2017 - 11:48 AM (IST)

लंदनः ब्रिटेन के रक्षामंत्री माइकल फैलोन का कहना है कि इराक़ युद्ध में शामिल रहे जवानों पर लगे आरोपों की जांच जल्द ही बंद कर दी जाएगी। रक्षा मंत्री के मुताबिक़ इराक़ युद्ध ऐतिहासिक आरोप टीम (आई.एच.ए.टी.) इस साल गर्मियों में बंद कर दी जाएगी और बचे हुए 20 मामले द रॉयल नेवी पुलिस को सौंप दिए जाएंगे। इस जाँच पर क़रीब 3.4 करोड़ पाउंड (283.42 करोड़ रुपए) ख़र्च हो चुके हैं लेकिन अभी तक किसी को दोषी नहीं पाया गया है। सांसदों ने इस जांच को 'घोर नाकामी' कहा है। इराक़ के नागरिकों के आरोपों की जाँच के लिए इस टीम का गठन साल 2010 में किया गया था। 
 
शोषण के कई आरोपों की जाँच कर रहे मानवाधिकार अधिवक्ता फिल शाइनर के व्यवहार पर एक जांच के बाद सवाल उठने के बाद इस टीम को बंद करने का फ़ैसला लिया गया है। अब निष्क्रिय लॉ फ़र्म पब्लिक इंट्रेस्ट लॉयर्स से जुड़े फिल शाइनर को फरवरी में जांच से हटा दिया गया था। मानवाधिकार अधिवक्ता फिल शाइनर को आरोपों के बाद जांच से हटा दिया गया था। रक्षामंत्री माइकल फैलान ने कहा, "उनकी बेइमानी सामने आने के मतलब है कि उनके कई अन्य दावों को खारिज कर दिया जाएगा और ये आई.एच.ए.टी. के अंत की शुरुआत होगी।"

उन्होंने कहा, "ये हमारे उन सैनिकों के लिए राहत की बात होगी जिनके सर पर लंबे समय से जांच लटकी थी। अब हम अपनी क़ानून व्यवस्था का दुरुपयोग रोकने के लिए भी क़दम उठा रहे हैं।" इससे पहले शुक्रवार को सांसदों ने कहा था कि आई.एच.ए.टी. सैन्यबलों की चिंताओं को लेकर बेपरवाह है और इसे बंद किया जाना चाहिए। डिफैंस समिति की रिपोर्ट के मुताबिक़ (आई.एच.ए.टी.) ने कई मामलों में ठोस सबूतों के अभाव के बावजूद सुनवाई के लिए 3500 से अधिक आरोप स्वीकार किए थे।

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