क्यूबा पर प्रतिबंध मामले में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के खिलाफ किया वोट

Thursday, Jun 24, 2021 - 10:17 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को पेश क्यूबा पर अमेरिकी प्रतिबंध की निंदा वाले प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया। अमेरिका ने क्यूबा पर अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंध हटाने को लेकर पूर्ववर्ती डोनाल्ड प्रशासन के विरोध को बरकरार रखते हुए और 2016 में बराक ओबामा प्रशासन के प्रतिबंध हटाने के सुझाव को मानने से इंकार करते हुए 29वें साल भी क्यूबा पर आर्थिक प्रतिबंध जारी रखा है, जिसकी इस प्रस्ताव में घोर निंदा की गई है।

 

193 सदस्यीय महासभा में भारत समेत 184 देशों ने निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया है। अमेरिका और इजराइल ने इसका विरोध किया है तथा ब्राजील, कोलंबो और यूक्रेन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। चार देशों मध्य अफ्रीकी गणराज्य, म्यामां, मोलदोवा और सोमालिया ने वोट नहीं किया। वोट से पहले अमेरिकी मिशन के राजनीतिक समन्वयक रोडनी हंटर ने महासभा को बताया कि जो बाइडेन प्रशासन ने प्रस्ताव के ‘‘खिलाफ'' मतदान किया है क्योंकि अमेरिका का मानना है कि क्यूबा में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की बहाली में आर्थिक प्रतिबंध अहम हैं जो ‘‘क्यूबा में हमारे नीतिगत प्रयासों का मूल है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी पाबंदियां आज के समय में भी जारी रहेंगी।''

 

क्यूबा के विदेश मंत्री ब्रूनो रोड्रिगेज ने बाइडन प्रशासन पर पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की नीतियों के अनुसरण का आरोप लगाया जिनके कार्यकाल में क्यूबा पर आर्थिक, वाणिज्यिक एवं वित्तीय प्रतिबंधों को सख्त करने के साथ पर्यटन क्षेत्र को झटका देने के इरादे से अमेरिकी नागरिकों के क्यूबा की यात्रा पर पाबंदी लगायी गयी थी जिसके कारण देश को करीब पांच अरब डॉलर का नुकसान हुआ।

 

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के दौर में क्यूबा पर आर्थिक, वाणिज्यिक एवं वित्तीय प्रतिबंधों को सख्त करने के साथ पर्यटन क्षेत्र को झटका देने के इरादे से अमेरिकी नागरिकों के क्यूबा की यात्रा पर पाबंदी लगाई गई थी। इसके चलते क्यूबा को करीब 5 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था। क्यूबा के विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंध गलत हैं और इन्हें ऐसे समय में जारी रखा गया है, जब देश में कोरोना का संकट तेजी से बढ़ रहा है। इसके चलते क्यूबा की आर्थिक स्थिति भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की जनता में भी ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो इन प्रतिबंधों का खात्मा चाहते हैं। वे लोग आवाजाही और सामान्य संबंधों के पक्ष में हैं, लेकिन सरकार ने ऐसी नीति लागू की है।

 

Tanuja

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