UK जा रहे लोगों के लिए बड़ी खबर...अब इस पर मंडराए संकट के बादल, बच्चों के लिए होगी मुश्किल

punjabkesari.in Thursday, Dec 07, 2023 - 09:23 AM (IST)

लंदन : यू.के. में लगातार बढ़ रही महंगाई की मार 5 से 11 साल की आयु के स्कूली बच्चों पर पड़ रही है। यू.के. में करीब 1 लाख बच्चे ऐसे हैं, जिनके पास पढ़ने के लिए किताबों की कमी है। यु, के. की पेरेंटिंग चैरिटी संस्था पेरेंटकाइन के हाल ही के सर्वे में ये चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सर्वे में इंगलैंड के 3067 पेरेंट्स की राय ली गई है।

इनमें से 14 फीसदी पेरेंट्स ने कहा कि सरकार उनके बच्चों की शिक्षा के मामले में अभिभावकों की सुनवाई नहीं कर रही। सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि यू.के. के 28 लाख बच्चों को स्कूल यूनिफार्म की कीमतें बढ़ने के कारण स्कूल भेजने में परेशानी हो रही है।

यू.के. में स्कूलों में यूनिफार्म की कीमतें 50 प्रतिशत तक बढ़ी हैं, जबकि स्कूलों द्वारा बच्चों के लगाए जाने वाले ट्रिप भी 44 फीसदी महंगे हो गए हैं। यह उन बच्चों के अभिभावकों के लिए ज्यादा बड़ी परेशानी है, जिनके बच्चों को स्कूल में भोजन फ्री मिलता है। ऐसे 61 फीसदी अभिभावक हैं, जो यूनिफार्म की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं जबकि 52 फीसदी अभिभावकों को स्कूल के ट्रिप पर होने वाला सहचर्चा परेशान कर रहा है।

सर्वे में कहा गया है कि 25 फीसदी लोग महंगाई के कारण अपने बच्चों को स्कूल भेजने के मामले में संघर्ष कर रहे हैं। इनमें से करीब 2 लाख 73 हजार बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें साल में महज दो बार स्कूल भेजा गया। 55 प्रतिशत पेरेंट्स ने माना कि वे अपने बच्चों को रोजाना पड़ा रहे है, जबकि 38 फीसदी बच्चों के
पेरेंट्स उन्हें सप्ताह में एक बार पढ़ाते हैं, जबकि 6 फीसदी बच्चों के अभिभावक उन्हें महीने में एक बार पढ़ाते हैं। यू.के, के 48 फीसदी अभिभावकों का मानना है कि आने बाले समय में उनके बच्चों का करियर अच्छा होगा, जबकि 41 फीसदी अभिभावकों का मानना है कि उनके चच्चों का जीवन स्तर आने वाले समय में अच्छा हो जाएगा।

सर्वे करने वालों एजेंसी पेरेंटकाइन के सी.ई.ओ. और पूर्व अध्यापक जैसन एल्सम ने कहा कि सर्वे के नतीजे चौंकाने हैं और आंखें खोलने वाले हैं। देश के राजनीतिज्ञों को अब जग जाना चाहिए। देश में बढ़ रही महंगाई के कारण उन लोगों के लिए भी जीना मुश्किल हो रहा है, जो पहले आरामदायक जीवन बिता रहे थे। ऐसे लोगों की आय में अब गिरावट हो रही है, लिहाजा वे अब अपने बच्चों को स्कूल भी नहीं भेज पा रहे।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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