दुबई की चकाचौंध के पीछे छिपा नरक! 'पोर्टा-पॉटी' पार्टियों का खौफनाक सच उजागर, प्राइवेट पार्ट्स में डाल देते मशीनगन
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 08:04 PM (IST)

International Desk: दुनिया का सबसे चमकदार शहर, जहां गगनचुंबी इमारतें, लक्ज़री कारें, महंगे होटल और ग्लैमर की चकाचौंध सबको खींचती है। लेकिन इसी चमक के पीछे एक ऐसा घिनौना सच छिपा है, जो इंसानियत को शर्मसार कर देता है। इस अंधेरे सच का नाम है "पोर्टा-पॉटी पार्टियां", जो असल में महिलाओं के साथ दरिंदगी और यौन शोषण का दूसरा नाम बन चुकी हैं।
क्या हैं ‘पोर्टा-पॉटी पार्टियां’?
‘पोर्टा-पॉटी’ शब्द का सीधा अर्थ पोर्टेबल टॉयलेट से लिया गया है, लेकिन दुबई की इन गुप्त पार्टियों में इसका इस्तेमाल बेहद अपमानजनक और अमानवीय रूप में होता है। यहां अमीर अरब व्यापारी और कुछ शेख युवतियों को गंदगी और यौन हिंसा का शिकार बनाते हैं। उनके शरीर पर मल-मूत्र फेंकना, उन्हें जंजीरों से बांधना, गालियां देना और हिंसक यौन गतिविधियों में जबरन शामिल करना, इन पार्टियों का हिस्सा है।
ग्लैमर का लालच, नरक की हकीकत
इन पार्टियों के लिए अधिकतर युवा मॉडल्स, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और अभिनेत्रियों को चुना जाता है। उन्हें महंगे गहनों, कैश और आलीशान जीवन का लालच दिया जाता है।लेकिन जब वे दुबई पहुंचती हैं, तो उनके साथ जानवरों जैसा सलूक होता है — न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें तोड़ा जाता है।
प्रत्यक्षदर्शियों की आपबीती
Reddit और सोशल मीडिया पर कई पीड़िताओं ने गुमनाम रहते हुए अपनी कहानियां साझा की हैं। एक स्पेनिश युवती ने बताया कि उसके ऊपर थूका गया, उसे कोड़े मारे गए और उसके प्राइवेट पार्ट्स में मशीनगन डालने की कोशिश की गई। एक अन्य महिला का हाथ तोड़ दिया गया और उसे कई दिन तक बंद कमरे में भूखा-प्यासा रखा गया। इनमें से कई महिलाएं बाद में गायब हो गईं, या फिर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गईं।
यूक्रेन की मॉडल की भयावह मौत
20 साल की मारिया को दो मॉडल एजेंट दुबई लेकर गए थे। एक दिन बाद वह लापता हो गई, और 10 दिन बाद उसका शव सड़क किनारे पाया गया-टूटी रीढ़, गंभीर चोटें, और निजी अंगों पर घाव।पुलिस ने इसे इमारत से गिरने की घटना बताया, लेकिन उसकी मां और रूसी वकील काट्या गॉर्डन ने इसे 'पोर्टा-पॉटी' कांड से जोड़ा और अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की।
अफवाह नहीं, बल्कि संगठित अपराध
ये पार्टियां किसी व्यक्तिगत अय्याशी का मामला नहीं, बल्कि एक संगठित और गोपनीय मानव तस्करी और यौन उत्पीड़न नेटवर्क का हिस्सा हैं।कई बार पीड़िताओं को इस कदर डराया और धमकाया जाता है कि वे बोल ही नहीं पातीं। रूसी, यूरोपीय और अमेरिकी संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र से इस पर कार्रवाई की मांग की है। इस तरह की घटनाएं केवल महिला अधिकारों का उल्लंघन नहीं हैं, बल्कि इंसानियत के खिलाफ अपराध हैं।