इस पुरानी परंपरा के अनुसार शपथ ग्रहण करेंगे ट्रंप, एेसा होगा समारोह का थीम

Friday, Jan 20, 2017 - 02:00 PM (IST)

वाशिंगटन : अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नेशनल मॉल के सामने अमरीकी कैपिटोल में पुरानी परंपरा के अनुसार एेतिहासिक लिंकन बाइबिल पर हाथ रखकर 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे।  दुनिया के इस सबसे पुराने लोकतांत्रिक देश में राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह में पवित्र बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली जाती है। हालिया इतिहास में बहुत कम बार एेसा हुआ है जब किसी अमरीकी राष्ट्रपति ने शपथ ग्रहण में बाइबिल का प्रयोग नहीं किया हो।

14 सितंबर 1901 में राष्ट्रपति विलियम मैकिनले की हत्या के बाद तत्कालीन उपराष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की थी, उस समय बाइबिल का प्रयोग नहीं किया गया था।  बराक आेबामा ने वर्ष 2009 में राष्ट्रपति के रूप में पहली बार कार्यभार संभालते हुए लिंकन की बाइबिल का इस्तेमाल किया था और दूसरे कार्यकाल के आरंभ में उन्होंने डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर के बाइबिल का प्रयोग किया था। ट्रंप शपथ ग्रहण समारोह में अपने बाइबिल के साथ साथ उस बाइबिल का भी प्रयोग करेंगे जो पूर्व राष्ट्रपति लिंकन ने अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह में इस्तेमाल किया था। 

ट्रंप के समारोह की थीम ‘यूनीक्ली अमरीकन’ विश्व के इस सबसे पुराने लोकतंत्र में शांतिपूर्ण ढंग से सत्ता हस्तांतरण को प्रदर्शित करेगी। ज्वाइंट कांग्रेशनल कमेटी ऑन इनॉगरल सेरेमनीज(जे.सी.सी.आई.सी.) ने कहा कि प्रत्येक शपथ ग्रहण में हम इस विशिष्ट अमरीकी समारोह को शमिल करते हैं जिसमें देश के अद्भुत दस्तूर की झलक दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि शांति हो या युद्ध का वक्त, समृद्धि हो या तंगी, शपथग्रहण नई चुनौतियों का सामना करने के देश के संकल्प को और मजबूत करता है। रोनाल्ड रीगन ने 1981 में अपने शपथग्रहण समारोह में कहा था कि प्रत्येक चार वर्ष में होने वाले इस समारोह को हम सामान्य मानते हैं लेकिन विश्व की नजरों में यह किसी कौतुहल से कम नहीं है।  
 

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