ट्रंप ने चीन को दिखाया ठेंगा, उलट दी 40 वर्ष पुरानी अमरीकी नीति

Sunday, Apr 08, 2018 - 12:23 PM (IST)

वॉशिंगटनः अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने  समर्थकों के प्रति कितने प्रतिबद्ध है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने चीन के खिलाफ  दशकों पुरानी अमरीकी नीति को उलट दिया है।  अमरीका के चुनाव होने में बेशक अभी लंबा समय है, लेकिन ट्रंप अपने समर्थकों को यह जता देना चाहते हैं कि वह चीन के प्रति कड़े रुख के अपने वादे से पीछे नहीं हटे हैं। चीन को दरकिनार करने के लिए उन्होंने शुल्क के अलावा एक कूटनीतिक पहल की है  जिसके तहत 40 वर्ष पुरानी अमरीकी नीति उलटते  हुए हाल ही में लगाए शुल्क में जहां कई देशों को राहत दी  वहीं लेकिन चीन को ठेंगा दिखा दिया। 

शुल्क की घोषणा का अमरीकी प्रशासन में ही खासा विरोध था और ट्रंप के कई करीबी इस फैसले के कारण उनका साथ छोड़ गए। ये भी अनुमान था कि इस तरह के कदम से कई लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। लिहाजा ट्रंप प्रशासन ने आयात शुल्क संबंधी फैसले में यूरोप, कनाडा, मैक्सिको, ब्राजील और दक्षिण कोरिया को छूट दे दी है। लेकिन चीन के लिए ये शुल्क वैसे ही रहेंगे, जैसे मूल घोषणा में थे। 

इस तरह का फैसला व्यापार से ज्यादा कूटनीति माना जा रहा है। ट्रंप और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की सीधी भेंट चीन को वैसे भी नापसंद है, इस पर ट्रंप ने जब 22 मार्च को 50 अरब डॉलर के शुल्क की घोषणा कर चीन को सीधे निशाना बनाया तो चीन ने अमरीका की 128 वस्तुओं पर शुल्क थोप दिया। कुछ समय पहले ही ट्रंप  ने एक कानून पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत ताईवान में अमीकी अधिकारियों को दौरा करने और वहां के अधिकारियों से मिलने की अनुमति दी गई, साथ ही ताईवानी अधिकारियों को अमरीका आने की अनुमति दी गई। 

अमरीकी और चीनी मीडिया में ये खबर कम प्रचारित हुई। माना जा रहा है कि चीन के दूसरे दौर के आयात शुल्क में अमरीका से आने वाली कार, ऑरेंज जूस, सोयाबीन सभी को निशाना बनाया जाएगा। 14 अरब डॉलर का ये सामान हर साल चीन आता है। ट्रंप  के इस कदम से चीन जिनसेंग और पोर्क को भी निशाना बना सकता है। 
 

Tanuja

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