ट्रंप की चाल, चुनावों के लिए अभी से कर रहे फंड का जुगाड़

Thursday, Jun 29, 2017 - 01:39 PM (IST)

वाशिंगटन: अमरीका में अगले चुनाव में 1,200 दिनों से ज्यादा का वक्त है लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही अपने प्रचार अभियान के लिए नकदी जुटाना शुरू कर दिया है और उन्होंने व्हाइट हाऊस से दो कदम की दूरी पर स्थित ट्रंप इंटरनेशनल होटल को इस काम के लिए चुना है।  


अमरीका के 45वें राष्ट्रपति रिपब्लिकन पार्टी को लाभ पहुंचाने और फिर से चुनाव लड़ने के दावे को पुख्ता करने के लिए कल एक रात्रिभोज में शामिल हुए। एेसा बताया जा रहा है कि इस रात्रिभोज में मेज पर एक सीट की कीमत 35,000 डॉलर से शुरू होकर बड़े दानदाताओं के लिए 100,000 डॉलर तक थी।  


'फंड जुटाना अमरीकी राजनीति का हिस्सा'
ट्रंप की प्रवक्ता सारा हकाबी सैंडर्स ने इस बारे में पूछे जाने पर बुधवार को संवाददाताओं से कहा, बेशक वह दोबारा चुनाव की दौड़ में हैं। उन्होंने कहा,लेकिन अभी वह अपने एजेंडा पर ध्यान केंद्रित कर रहे है, मध्यावधि पर ध्यान लगा रहे हैं और पार्टी के लिए पैसा इकट्ठा कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि यह किसी भी राष्ट्रपति के लिए असामान्य है। कई लोगों के लिए यह असहज करने वाली बात हो सकती है लेकिन यह अमरीका की राजनीति का हिस्सा रहा है कि राष्ट्रपति अपनी पार्टी या अपने खुद के किसी अभियान के लिए फंड जुटाने के कार्यक्रम करते रहते हैं। उद्योगपति से राष्ट्रपति बने ट्रंप के मामले में चीजें थोड़ी ज्यादा जटिल है क्योंकि बुधवार रात को उनसे बात करने आए अमीर दानदाता ना केवल उनके भविष्य के अभियान में योगदान देंगे बल्कि इससे उनका रियल एस्टेट कारोबार भी बढ़ेगा।  


होटल के सामने लगे 'शर्म करो' के  नारे
करीब 200 डैमोक्रेटिक सांसदों ने यह आरोप लगाते हुए हाल ही में राष्ट्रपति पर मुकदमा किया था कि वह अपने होटलों, गोल्फ कोर्स और अन्य संपत्तियों के जरिए विदेशों से रूपए लेकर संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। एक अन्य मुकदमे में आरोप लगाया गया कि नवंबर में हुए चुनाव से कुछ सप्ताह पहले खुले ट्रंप इंटरनेशनल होटल को राष्ट्रपति से संबंध के कारण अपने प्रतिद्वंदी होटलों के मुकाबले अनुचित लाभ मिल रहा है।  पेंसिलवेनिया एवेन्यू पर ट्रंप का लग्जरी होटल अपने आप में एक पहचान है जो व्हाइट हाऊस को कैपिटोल से जोड़ता है। कार्यक्रम के मद्देनजर कई गैर सरकारी संगठनों के करीब 100 प्रदर्शनकारियों ने होटल के सामने शर्म करो के नारे लगाए।  

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