ट्रंप की तालिबान को खुली धमकी: वापस दो बगराम एयरबेस या भुगतो ‘भयावह अंजाम’, मिला धमाकेदार जवाब
punjabkesari.in Sunday, Sep 21, 2025 - 11:28 AM (IST)

Washington: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से बगराम एयरबेस को वापस करने की मांग करते हुए सख्त चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा है कि अगर तालिबान ने यह मांग ठुकराई तो उन्हें इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे। यह बयान ट्रंप की उसी 2020 की डील के विपरीत है, जिसमें उन्होंने तालिबान से समझौता कर अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी सुनिश्चित की थी।
ट्रंप ने क्या कहा
ट्रंप ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिका बग्राम एयरबेस को वापस लेना चाहता है, जो 2021 में अफगानिस्तान छोड़ते समय तालिबान के नियंत्रण में चला गया था। उन्होंने एयरबेस को "दुनिया के सबसे बड़े एयर बेसों में से एक" बताया। ट्रंप ने यह बताया कि इस आधार की रणनीतिक अहमियत इसलिए है क्योंकि यह चीन की कुछ मिसाइलों/नाभिकीय हथियार उत्पादन केंद्रों से लगभग एक घंटे की दूरी पर है। उन्होंने ट्वीट या Truth Social पर लिखा कि अगर तालिबान एयरबेस वापस नहीं करेगा, तो “BAD THINGS ARE GOING TO HAPPEN” यानी “बुरी चीजें होंगी”। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वो बुरी चीजें कैसी होंगी।
.@POTUS on Bagram Air Base: "We're talking now to Afghanistan. We want it back and we want it back soon. Right away — and if they don't do it, you're going to find out what I'm going to do. pic.twitter.com/lL6g7A2SLU
— Rapid Response 47 (@RapidResponse47) September 21, 2025
तालिबान का दो टूक जवाब
तालिबान ने ट्रंप की मांग को सीधे-सीधे खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि अफगानिस्तान में किसी भी हाल में अमेरिकी सैन्य मौजूदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालांकि तालिबान ने यह भी कहा कि वे अमेरिका के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंधों के लिए खुले हैं, लेकिन सैन्य वापसी का सवाल ही नहीं उठता।
बगराम एयरबेस का रणनीतिक महत्व
- बगराम एयरबेस की नींव 1950 के दशक में सोवियत संघ ने रखी थी।
- 2001 में अमेरिका के अफगानिस्तान पर हमले के बाद इसे और अधिक आधुनिक बनाया गया।
- यह एयरबेस अफगानिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना माना जाता है।
- इसका भूगोलिक महत्व बेहद खास है क्योंकि यह चीन और ईरान की सीमा के करीब स्थित है।
- यही कारण है कि अमेरिका अब इसे रणनीतिक दृष्टिकोण से दोबारा हासिल करना चाहता है।
ट्रंप की नीयत पर सवाल
ट्रंप के इस बयान के बाद एक बार फिर उनकी 2020 की डील को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि ट्रंप ने ही तालिबान से समझौता कर अमेरिकी सेना को बाहर निकाला था और अब उन्हीं के नेतृत्व में एयरबेस वापसी की मांग करना राजनीतिक विरोधाभास है।अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि बगराम एयरबेस पर अमेरिका की नजर इसलिए भी है क्योंकि यह चीन और ईरान की निगरानी में बड़ी भूमिका निभा सकता है। ट्रंप के बयान से साफ है कि वे राष्ट्रपति पद की दौड़ में राष्ट्र सुरक्षा और ताकतवर अमेरिका की छवि को आगे बढ़ाना चाहते हैं।