ट्रंप का दावा- हांगकांग सीमा की तरफ बढ़ रही चीन की सेना
Wednesday, Aug 14, 2019 - 12:18 PM (IST)
वॉशिंगटन/बीजिंगः दुनिया के सबसे बड़े और खूबसूरत शहरों में से एक हांगकांग में चीन के प्रत्यर्पण बिल को लेकर पिछले 10 हफ्तों से लगातार हिंसक प्रदक्शनों का दौर जारी है । इसी के चलते 2 दिन पहले यहां लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हजारों की संख्या में एयरपोर्ट पर कब्जा कर लियाॉ । इस उग्र प्रदर्शन को देखते हुए चीन की सरकार ने हांगकांग प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने को कहा है। इसके साथ ही चीन ने कई शहरों के बॉर्डर पर बख्तरबंद गाड़ियां तैनात कर दी हैं, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा दावा किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि चीन की सरकार हांगकांग के बॉर्डर पर तेजी से सेना बढ़ा रही है। ट्रंप ने ट्वीट किया, 'हमारी इंटेलिजेंस ने बताया है कि चीन की सरकार हांगकांग की सीमा की ओर सेना बढ़ा रही है। सभी लोग शांत और सुरक्षित रहें। ' इससे पहले भी ट्रंप ने एक ट्वीट करते हुए कहा था कि हांगकांग में हो रही विरोध प्रदर्शन के लिए उन्हें जिम्मेदार क्यों ठहराया जा रहा है। ट्रंप ने कहा, 'हांगकांग में जारी परेशानियों के लिए कई लोग मुझे और अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं... मैं सोच नहीं सकता हूं (ऐसा) क्यों?'
दो दिन बाद एयर ट्रैफिक शुरू
एयरपोर्ट पर हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए पिछले दो दिनों से हवाई सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि, चीन की धमकी के बाद एयरपोर्ट पर विमानों का आवागमन कुछ देर पहले फिर से शुरू किया गया है। हांगकांग की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए भारत और अमेरिका जैसे देशों ने अपने देश के लोगों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। इस एयरपोर्ट से करीब 2 लाख यात्री रोजाना सफर करते हैं, लेकिन इस प्रदर्शन की वजह से अभी तक 300 फ्लाइट रद्द करनी पड़ी है।
क्या है मामला
दरअसल, चीन की सरकार ने एक ऐसा कानून बनाया है जिसके मुताबिक अगर कोई व्यक्ति अपराध करके हांगकांग आ जाता है को उसे जांच प्रक्रिया में शामिल होने के लिए चीन भेज दिया जाएगा।हांगकांग सरकार इस कानून में संशोधन के लिए फरवरी में इस पर प्रस्ताव लाई थी। कानून में संशोधन का प्रस्ताव एक घटना के बाद लाया गया था, जिसमें एक व्यक्ति ने ताइवान में अपनी प्रमिका की कथित तौर पर हत्या कर दी और हांगकांग भाग आया था।
पुराना है विरोध का इतिहास
करीब 150 साल तक ब्रिटिश उपनिवेश रहा हांगकांग 1997 में चीन का 'विशेष प्रशासनिक क्षेत्र' बन गया था। उस वक्त वैश्विक आर्थिक केंद्र बन चुके हांगकांग के लोगों को डर था कि बीजिंग में कम्युनिस्ट पार्टी के संरक्षण में उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो सकता है। पिछले कुछ सालों में कई मुद्दों को लेकर हांगकांग के लोग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे हैं, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (2003), अंब्रेला आंदोलन (2014), किताब विक्रेताओं पर निशाना (2015) शामिल रहे हैं. अब एक बार फिर प्रत्यर्पण बिल की वजह से ये गुस्सा फूट पड़ा।