शीर्ष अदालत ने एनएबी की याचिका को ‘बेतुका’ बता  किया   खारिज

Tuesday, Sep 18, 2018 - 11:53 AM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी-दामाद की दोषिसिद्धि के खिलाफ की गई अपील पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के सुनवाई करने के फैसले के विरूद्ध देश के शीर्ष भ्रष्टाचार रोधी निकाय द्वारा दायर याचिका को सोमवार को ‘बेतुका’ कहकर खारिज कर दिया।शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 

शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर को एक जवाबदेही अदालत ने लंदन में चार आलीशान फ्लैटों की मिल्कियत के सिलसिले में छह जुलाई को भ्रष्टाचार का दोषी पाया था। पूर्व प्रधानमंत्री को 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी जबकि उनकी बेटी मरियम तथा दामाद सफदर को क्रमश: सात और एक साल की सजा दी गई थी। शरीफ ने एवनफील्ड मामले पर आए फैसले पर रोक लगाने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की हैं जिन पर अदालत सुनवाई के लिए राजी हो गयी है। इसके खिलाफ भ्रष्टाचार रोधी निकाय ने रविवार को शीर्ष अदालत का रूख किया था।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि सर्वोच्च अदालत ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष एवनफील्ड मामले के फैसले पर रोक के लिए दायर शरीफ की याचिकाओं पर सुनवाई पर रोक लगाने की मांग करने वाली एनएबी की याचिका को ‘बेतुका’ बताकर खारिज कर दिया और भ्रष्टाचार रोधी निकाय पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया। एनएबी के अध्यक्ष जावेद इकबाल की ओर से शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि शरीफ परिवार के सदस्यों ने एवनफील्ड संपत्ति मामले में अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील की है और उनकी जमानत की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई नहीं हो सकती है। 

       

Isha

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