दुनिया घूमने वाली नन्ही कारें, इसी साल खत्म हो रहा इनका सफर

Sunday, Jun 03, 2018 - 02:44 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः ट्राबैंट कारें पूर्वी जर्मनी की प्रतीक रही हैं। गोल हैडलाइट्स वाली ये छोटे आकार की कारें पूर्व जर्मनी के साम्यवाद तथा उससे जुड़ी विभिन्न चीजों की प्रतीक रही हैं। आज के आधुनिक जर्मनी में ये कारें नहीं दिखती हैं परंतु गत एक दशक से दो ट्राबिस कारें चैक फिल्मकार डान प्रिबान के अभियान के तहत दुनिया भर की सैर कर चुकी हैं। 2007 में डान ने एक अनूठा यात्रा वृत्तांत फिल्माने का फैसला किया और इसके लिए दो पुरानी ट्राबिस कारों का चयन किया क्योंकि तब ये ही उनके बजट में आ सकती थीं। इंटरनैट पर क्राऊडफडिंग से अपने अभियान के लिए फंड जुटाने के बाद  दो सहयोगियों के साथ उन्होंने सिल्क रोड से होते हुए चीन तक 15 हजार किलोमीटर का सफर इन नन्हीं कारों में तय किया। यह अभियान इतना सफल रहा कि उन्होंने आगे भी इसे जारी रखने का फैसला किया और अब तक वह इन कारों में पश्चिम एशिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका तथा प्रशांत इलाकों का सफर कर चुके हैं। इन कारों की यात्राओं के दौरान फिल्माए यात्रावृत्तांत चैक गणराज्य में बेहद लोकप्रिय हैं तथा आज उन्हें वहां एक अलग ही श्रेणी में रखा जाता है। सिनेमा से लेकर छोटे पर्दे पर उनका प्रसारण होता रहा है।

भारत से शुरू होगा इन कारों का आखिरी सफर
परंतु इस वर्ष इन कारों का सफर  खत्म हो जाएगा। जर्मनी में ‘प्लास्टिक कारों’ के नाम से मशहूर ये कारें जल्द भारत की यात्रा पर जा रही हैं। इन्हें एक कंटेनर शिप में इस सफर की शुरूआत के लिए दक्षिण भारत के सुदूरवर्ती छोर पर ले जाया जा रहा है। वहां से इन कारों में डान की टीम की योजना चीन तक जाकर, वहां से सिल्क रोड से होते हुए 25 हजार किलोमीटर सफर करके यूरोप लौटने की है। इस बार एक छोटी पोल्स्की फिएट कार भी उनके साथ होगी। डान के अनुसार इन कारों की यह अंतिम यात्रा होगी क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्होंने अब तक सब कुछ कर लिया है। डान बताते हैं, ‘‘कई देशों में लोग ट्राबिस कारों को नहीं पहचानते हैं।  जैसे कि इंडोनेशिया में सभी इसे ‘मि. बीन’ वाली कार समझते थे।

उन्हें लगा कि यह मिनी कूपर कार है जिसका इस्तेमाल ब्रिटिश हास्य अभिनेता रोवन एटकिन्स ‘मि. बीन’ नामक कॉमेडी शोज में करता रहा है। हालांकि, लोग इसे किसी भी नाम से पुकारें, इस कार की गोल हैडलाइट्स तथा छोटा तथा प्यारा आकार हर किसी का ध्यान खींचता है। दुनिया भर में अपनी यात्राओं के दौरान डान को सबसे अधिक खीझ ट्रैफिक में फंसने पर हुई है। उन्हें खराब सड़कों से कभी परेशानी नहीं हुई क्योंकि ये कारें उस जमाने की हैं जब आमतौर पर सड़कें खराब ही हुआ करती थीं।

Seema Sharma

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