कम खर्चें मेें अंतरिक्ष का कचरा साफ करेगी जापान की यह महिला

Saturday, Jun 23, 2018 - 04:44 PM (IST)

इंटरनैशनल डेस्कः धरती में जगह- जगह कचरे के बाद अब अंतरिक्ष भी पूरी तरह कूड़े से भर गया है। जापान की रहने वाली 35 साल की मिकी इटो, जिन्होंने निहोन यूनिवर्सिटी से एयरो स्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है अंतरिक्ष के कचरे को साफ करने के मिशन पर हैं। मिकी एस्ट्रोस्केल जापान की प्रेसिडेंट हैं।  एस्ट्रोस्केल की शुरुआत कम खर्च में अंतरिक्ष में फैले कबाड़ को साफ करने के लिए की गई है। कंपनी ने फंडिंग से लगभाग 53 मिलियन डॉलर इकट्ठा किए हैं। कंपनी का मुख्यालय सिंगापुर में है और कंपनी का रिसर्च एग्रीमेंट जापान की स्पेस एजेंसी के साथ है।

एस्ट्रोस्केल और जापान की स्पेस एजेंसी मिलकर सेटेलाइट ईएलएसए-डी (ELSA-d) बना रहे हैं, जिसकी मदद से अंतरिक्ष से कचरा साफ किया जाएगा। मिकी बताती हैं कि जब वे जूनियर हाई स्कूल में थीं, तब हॉलीवुड फिल्म 'इंडिपेंडेंस डे' फिल्म देखकर उन पर बहुत प्रभाव पड़ा। वे कहती है कि फिल्म में एलियन स्पेसशिप उन्हें बहुत पसंद आएं और वे भविष्य की कल्पना की ओर इशारा करते थे। इसके बाद ही मिकी का रुझान स्पेसशिप और अंतरिक्ष की ओर बढ़ा ओर वे खुद भी रॉकेट और सेटेलाइट बनाना चाहती थीं। इसके बाद उन्होंने इसी विषय में अपनी कॉलेज की पढ़ाई की।

एस्ट्रोस्केल के बिजनेस मॉडल की बात की जाए तो संचार, एयरोस्पेस और अन्य कंपनियां संचार और पृथ्वी पर शोध के लिए कई सेटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी में हैं। ऐसे में यदि सेटेलाइट फेल हो जाता है, तो सर्विस प्रोवाइडर दूसरा सेटेलाइट भेजना चाहते हैं। लेकिन ऐसा तब ही मुमकिन हो सकता है जब पहले भेजें गए सेटेलाइट को उसकी जगह से हटाया जाए। कंपनी का कहना है कि वह अपने साथ करार वाली कंपनियों के सेटेलाइट्स को टारगेट कर सकती है और जरूरत पड़ने पर सेटेलाइट को वापस वातावरण में छोड़ा जा सकता है, जिससे वे खुद ही जलकर नष्ट हो जाए। 

एयट्रोस्केल के अनुसार, उनका सेटेलाइट टूटे और नष्ट हुए सेटेलाइट्स को लेकर वातावरण में चला जाएगा। कंपनी के अनुसार इस काम में तकनीकी परेशानियां अंतरिक्ष में पहले से फैले कचरे से काफी कम हैं। कंपनी की योजना ईएलएसए-डी (ELSA-d) को 2019 में परीक्षण के लिए लॉन्च करने की है। इसके बाद 2020 में इसका व्यवसायिक तौर पर इस्तेमाल शुरू किया जा सकेगा।

Isha

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