Paternity leave के लिए भारत सहित विश्व के 90 देशों में नहीं है कोई राष्ट्रीय नीति

Thursday, Jun 14, 2018 - 12:58 PM (IST)

संयुक्त राष्ट्रः यूनिसेफ के एक नए विश्लेषण के मुताबिक , भारत दुनिया के करीब ऐसे 90 देशों में शामिल है जहां नए - नए पिता बनने वालों को अपने नवजात बच्चों के साथ समय व्यतीत करने के लिए पर्याप्त वैतनिक अवकाश मिल ने की कोई राष्ट्रीय नीति नहीं है। यूनिसेफ के विश्लेषण में बताया गया है कि दुनिया के बच्चों में से करीब दो - तिहाई एक साल से कम उम्र के हैं और यह संख्या करीब 9 करोड़ है। ये बच्चे उन देशों में रहते हैं जहां उनके पिता कानून के तहत एक भी दिन वैतनिक अवकाश के हकदार नहीं हैं।

भारत और नाइजीरिया में शिशु आबादी काफी अधिक है और ये उन 92 देशों में से हैं जहां पर कार्यस्थलों को लेकर ऐसी राष्ट्रीय नीतियां नहीं है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि नये पिताओं को उनके नवजात बच्चों के साथ समय बिताने के लिए पर्याप्त वैतनिक अवकाश मिले। बच्चों के क्षेत्र में काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने उल्लेख किया है कि पूरी दुनिया में परिवार अनुकूल नीतियों के लिए माहौल में बहुत तेजी से सुधार हो रहा है।

इसमें भारत का उदाहरण देते हुये कहा गया है कि वहां पर अधिकारी संसद के अगले सत्र में पितृत्व लाभ विधेयक को विचारार्थ पेश करने का प्रस्ताव रख रहे हैं। इसमें पिताओं को तीन महीने का वैतनिक अवकाश दिये जाने का प्रस्ताव होगा। काफी काम किये जाने की जरूरत पर बल देते हूये यूनिसेफ ने कहा कि करीब 40 लाख नवजात बच्चों की आबादी वाले अमेरिका सहित दुनिया के आठ देशों में वैतनिक मातृत्व या पितृत्व अवकाश देने की नीति नहीं है।             
 

Isha

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