PAK का सच फिर आया सामने, लश्‍कर-जैश की मदद से तालिबान को दिलाई अफगानिस्तान पर जीत

Sunday, Aug 22, 2021 - 03:51 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए तालिबान की मदद करने में पाकिस्तान की भूमिका थी। पाकिस्तानी सेना ने प्रशिक्षित आतंकी तालिबान की मदद के लिए भेजे थे। पाकिस्तान की तरफ से सबसे ज्यादा आतंकियों की संख्या में पंजाब (पाकिस्तान) से हैं, जिन्हें तालिबान के रैंकों को मजबूत करने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के शिविरों में थोड़े समय के प्रशिक्षण के बाद सेना द्वारा भेजा गया था। पाकिस्तान का पंजाब प्रांत दो सबसे कुख्यात पाकिस्तानी सेना समर्थित आतंकवादी समूहों- लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JEM) का खास ठिकाना है।

 

पाकिस्तान ने तालिबान की मदद के के लिए करीब 10,000 से ज्यादा आतंकी भेजे थे, हालाकि इन आंकड़ों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। कंधार में लश्कर आतंकी तालिबान के साथ मिल लड़े और काबुल पर कब्जा जमा लिया। खबर है कि इस लड़ाई के दौरान लश्कर के कई आतंकी मारे भी गए है। लश्कर की टीम का नेतृत्व सैफुल्ला खालिद कर रहा था, जो कंधार के नवाही जिले में अपने 11 साथियों के साथ लड़ाई में मारा गया। पाकिस्तान ने मारे गए आतंकवादियों के शवों को उनके मूल स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था भी की थी।

 

पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में लड़ रहे घायल लश्कर-ए-तैयबा और अन्य पाकिस्तानी कैडरों के लिए अस्थायी अस्पताल भी स्थापित किए थे। जैश नेता मसूद अजहर का तालिबान नेतृत्व के साथ घनिष्ठ संबंध है। 90 के दशक से अफगानिस्तान के भीतर लश्कर का गढ़ रहा है और समूह ने 2001 के बाद भी तालिबान के साथ प्रशिक्षण और लड़ाई जारी रखी है।

Seema Sharma

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