एक्सपो 2020 के वो स्पैशल पवेलियन, जिनसे प्रेरणा मिलती है

Tuesday, Mar 15, 2022 - 07:59 PM (IST)

दुबई (वुमन्स पवलेयिन एक्सपो) : 2020 दुबई में एक ऐसा पवेलियन बनाया गया है जो खासतौर पर महिलाओं को डेडीकेटेड है। इस पवेलियन में दिखाया गया है कि दुनिया को बेहतर बनाने के लिए कैसे महिलाओं ने अपना योगदान दिया है। कौन से देश महिलाओं की उन्नति को बढ़ावा दे रहे हैं। दुनियाभर में क्या हो रहा है यह सब आप यहां जान सकते हैं। इसके साथ ‘वुमन्स डे ऑफ’ और ‘मटिल्डा इफैक्ट’ की बात भी यहां की गई है। वही मटिल्डा इफैक्ट जिसमें एक महिला द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में किए गए कार्य का क्रैडिट एक पुरुष ने लिया था। यह पवेलियन काफी दिलचस्प और नॉलेज बढ़ाने वाला है।

‘When women thrive, humanity thrives’
इस पवेलियन में बताया गया है कि जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं तो मानव जाति आगे बढ़ती है। यहां लगभग सभी दीवारों पर महिलाओं की गाथा बयां की गई है। कैसे अब तक मानव इतिहास में महिलाओं ने अपना योगदान दिया। महिलाएं कभी वॉरियर बनकर सामने आई हैं तो कभी समाजसेवी बनकर। दुनियाभर में महिलाओं ने अपनी समानता की लड़ाई कैसी लड़ी है, यह भी बताया गया है। यह महिलाओं की अचीवमेंट्स को भी सेलिब्रेट करता नजर आता है।

1975 में आइसलैंडिक महिलाओं द्वारा स्ट्राइक
वैसे तो यहां अनगिनत कहानियां बयां की गई हैं लेकिन सबसे दिलचस्प है 1975 में आइसलैंडिक महिलाओं द्वारा की गई स्ट्राइक। दरअसल, एक समान हक पाने के लिए वे स्ट्राइक पर उतरी थीं। उनका मकसद यह समझाना भी था कि महिलाओं के बिना समाज कितना अधूरा है। आइसलैंड में जो महिलाओं की कुल आबादी है, उसमें से 90 प्रतिशत महिलाओं ने इस स्ट्राइक में हिस्सा लिया था। उस दिन न तो वे अपनी जॉब पर गईं और न ही घर का कोई कामकाज किया। कामकाज पर जाने वाली महिलाओं द्वारा यह स्ट्राइक इसलिए भी थी क्योंकि उन दिनों आइसलैंड में कामकाजी महिलाओँ को पुरुषों के मुकाबले कम वेतन मिलता था। इसे ‘वुमन्स डे ऑफ’ भी कहा गया और इस डे ऑफ ने गहरी छाप छोड़ी थी।

यू.ए.ई. ने महिलाओं की उन्नति को आगे रखा
इंटरनेशनल पार्टिसिपेंट्स डिपार्टमेंट एक्सपो 2020, की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हिंद अलोवाइस (Hind Alowais) ने पंजाब केसरी से खास बातचीत में बताया, ‘हम यहां बात कर रहे हैं एक समान अधिकारों की। हमारा मकसद है कि लोग जानें दुनियाभर में महिलाओं की क्या स्थिति है। कौन-कौन से क्षेत्रों में हमें काम करना होगा। मुझे यह बताते हुए खुशी महसूस हो रही है कि यू.ए.ई. ने अपनी स्थापना के बाद से लेकर अब तक महिलाओं की उन्नति को हमेशा आगे रखा है। यू.ए.ई. गवर्नमेंट में 50 प्रतिशत महिलाए हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि यू.ए.ई. महिलाओं को एक समान दर्जा देने में विश्वास रखता है।

आज हम बात करने जा रहे हैं कुछ स्पैशल पवेलियन्स की। वैसे तो पूरे एक्सपो में ही ज्ञान का भंडार है लेकिन इन पवेलियन्स में जो किस्से कहानियां या फिर आइडियाज बताए गए हैं, वे कमाल के हैं। आइए जानते हैं आखिर क्या खास है एक्सपो 2020 दुबई यू.ए.ई. के स्पैशल पवेलियन्स में...

Global innovators
साधारण लोग लेकिन काम दुनिया को चौकाने वाले
यहां कुछ ऐसे लोगों का जिक्र किया गया है जो साधारण से हैं लेकिन ऐसे काम कर रहे हैं जिनका बड़ा असर पड़ रहा है। इन्हें ग्लोबल इनोवेटर्स कहा गया है। दरअसल, यू.ए.ई. गवर्नमेंट ने दुनियाभर से ऐसे प्रोजेक्ट्स जुटाए हैं जो कि आने वाले कल के लिए कुछ अच्छा कर रहे हैं। इसके लिए 184 देशों से कुल 11,000 लोगों ने आवेदन किया था लेकिन 76 देशों के 140 आइडियाज (प्रोजेक्ट) को सिल्केट किया गया। ये सभी के सभी प्रोजेक्ट्स गुड प्लेस पवेलियन में शोकेस के किए गए हैं। इतना ही नहीं हर प्रोजेक्ट को यू.ए.ई. गवर्नमेंट फंडिंग कर रही है।

प्रोजेक्ट्स जो काबिल-ए-तारीफ हैं
1. यहां पर एक ऐसी लड़की का जिक्र है जिसने एक ऐसा बॉक्स डिजाइन किया, जो वैक्सीन को खराब होने से बचाता है। अब भी कुछ ऐसे रिमोट एरियाज हैं, जहां पर पहुंचने के लिए कई-कई दिन चलना पड़ता है। ऐसे दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचते-पहुंचते कई बार वैक्सीन खराब हो जाती है लेकिन जो बॉक्स डिजाइन किया गया है, उसमें 10 दिन तक वैक्सीन खराब नहीं हो सकती।
2. यहां पर एक ऐसे मोबाइल एप का भी जिक्र है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति बंग्लादेश में बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठा सकता है। इतना ही नहीं दुनिया के किसी भी कौने में क्यों न हों, इस एप के जरिए उस बच्चे की ग्रोथ की जानकारी भी मिल सकती है।


3. ठीक ऐसे ही मोरक्को के कुछ लोगों ने मिलकर प्लास्टिक कचरे को बिल्डिंग ब्लॉक्स में बदलने का आइडिया शेयर किया है। यह कमाल का आइडिया, जिसने खूब प्रशंसा भी बटौरी है।
4. कोस्टा रीका का एक प्रोजेक्ट बेहद खास है जो कि जंगलो को कटने से बचा रहा है। दरअसल, वहां के एक शख्स ने अपने प्रोजेक्ट में बताया है कि बैंबू जो है उसे लकड़ी की जगह इस्तेमाल में लाया जा सकता है। क्योंकि बैंबू बहुत जल्द ग्रो करता है। इसलिए उसे बार-बार उगाया और काटा जा सकता है। ऐसे में लकड़ी के इस्तेमाल को कम करने के साथ-साथ जंगलों को कटने से बचा सकते हैं।
5. भारत के भी एक प्रोजेक्ट को ‘द गुड प्लेस’ में जगह मिली है। इस प्रोजेक्ट का नाम है ‘कबाड़ी वाला कनैक्ट’। यह प्रोजेक्ट वेस्ट मैनेजमेंट के ऊपर है। यह कबाड़ी वालों को इंकम प्रोवाइड करवाने के साथ-साथ पॉल्यूशन को कम करने में भी मदद कर रहा है।

‘द गुड प्लेस पवैलियन बाय एक्सपो लाइव'
एक ऐसी जगह जहां पर आइडियाज को पेश किया गया। यह आइडियाज दुनिया के कौने-कौने से जुटाए गए हैं। इसे गुड प्लेस नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यहां जो लोग हैं या फिर जिन लोगों की बात हो रही है, वे सभी सोच-विचार करने वाले लोग हैं। ऐसे लोग जो कुछ न कुछ अच्छा कर रहे हैं या फिर करना चाहते हैं। इनके आइडियाज और प्रोजेक्ट्स को यू.ए.ई. गवर्नमेंट सपोर्ट कर रही है।

इसलिए टैंट की शेप में डिजाइन की गई है बिल्डिंग
इस पवैलियन की बिल्डिंग को एक टैंट की शेप में डिजाइन किया है। दरअसल, इसके पीछे एक खास वजह है। वो ये कि यू.ए.ई. के फाउंडिंग फादर्स ने रेगिस्तान के बीचो-बीच टैंट में एक ऐसा देश बनाने के बारे में सोचा था, जो अपने लोगों और दुनिया को साथ लेकर आगे बढ़ेगा। इस पवेलियन और इसके टैंटनुमा स्ट्रक्चर का उद्देश्य एक बेहतर दुनिया बनाने का है। इसलिए यहां पर उन तमाम प्रोजेक्ट्स को शोकेस किया गया है जो कि एक बेहतर दुनिया बनाने में जुटे हैं।

स्माइल वॉल पर स्माइल डोनेट करें
इतना ही नहीं यहां पर स्माइल वॉल बनाई गई है। जहां पर आप हंसते हुए तस्वीर खिंचवा सकते हैं और इस तस्वीर को चैरीटेबल कॉज के लिए डोनेट किया जाएगा।

rajesh kumar

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