उत्तर कोरिया के प्रति नरम हुए डोनाल्ड ट्रंप
Friday, Jan 05, 2018 - 11:21 AM (IST)
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताजा बयानों से लगता है कि उनका उत्तर कोरिया के प्रति रवैया पहले की अपेक्षा नरम हुआ है। ट्रंप ने उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच संभावित वार्ता को ‘एक अच्छी बात’ बताते हुए उसका स्वागत किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्योंगचांग में अगले माह से होने वाले शीतकालीन ओलंपिक के दौरान दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य अभ्यास नहीं होगा।
With all of the failed “experts” weighing in, does anybody really believe that talks and dialogue would be going on between North and South Korea right now if I wasn’t firm, strong and willing to commit our total “might” against the North. Fools, but talks are a good thing!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 4, 2018
सोल से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि ट्रंप ने फोन पर राष्ट्रपति मनू जाइ इन से ओलंपिक के दोरान सैन्य अभ्यास रोकने की बात कही। उन्होंने दोनों कोरियाई देशों (उत्तर और दक्षिण कोरिया) के बीच होने वाली बातचीत के अच्छे परिणाम सामने आने की उम्मीद जतायी। उन्होंने कहा कि शीतकालीन ओलंपिक के लिए वह अपने परिवार के सदस्यों समेत एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजेंगें।
ट्रंप ने खुद को दिया बातचीन का श्रेय
इससे पहले वाशिंगटन से प्राप्त रिपोर्ट में ट्रंप ने कल ट्विटर पर दोनों कोरियाई देशों के बीच बातचीत के बारे में लिखा कि यह अच्छी बात है। उन्होंने वार्ता के लिए दोनों देशों के राजी होने का श्रेय भी खुद को दिया। उन्होंने लिखा कि क्या अब कोई भी व्यक्ति इस बात पर भरोसा करता कि उत्तर और दक्षिण कोरिया आपस में वार्ता अथवा संवाद के लिए तैयार होते अगर मैंने अपनी पूरी ताकत उत्तर कोरिया के खिलाफ इस्तेमाल करने की दृढ़ इच्छा नहीं जतायी होती?
उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने का प्रयास
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग उन के शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लेने की संभावना जताने के बाद दक्षिण कोरिया ने गत मंगलवार को प्योंगयांग के साथ नौ जनवरी को शीर्ष स्तर की बातचीत का प्रस्ताव रखा। किम ने नये साल पर अपने वार्षिक भाषण में बातचीत और दक्षिण कोरिया में होने वाले शीतकालीन खेलों में हिस्सा लेने में रुचि जतायी थी। ट्रंप और किम जोंग उन का जुबानी जंग उस तीखे मुकाम तक पहुंच गया था जहां लोगों को युद्ध की संभावना तक दिखायी देने लगी थी। अमेरिका और दक्षिण कोरिया का कोरियाई प्रायद्वीप में चल रहा संयुक्त सैन्य अभ्यास भी उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने का ही एक प्रमुख हिस्सा माना जाता है।