पहले ही दिन सीजफायर का उल्लंघन ! फिर भिड़ गए इजरायल-लेबनान
punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2024 - 05:50 PM (IST)
International Desk: सीजफायर समझौते के तहत हिज़्बुल्लाह के लड़ाकों और इजरायली सेना को 60 दिनों के भीतर दक्षिणी लेबनान से पूरी तरह पीछे हटना था। इसके बाद लेबनान की सेना और संयुक्त राष्ट्र के शांतिदूतों को इस क्षेत्र में तैनात किया जाना था। इजरायली सेना ने कहा कि उन्होंने दक्षिणी लेबनान की ओर संदिग्ध गाड़ियों के काफिले को जाते देखा, जिसके बाद हमला किया गया। सेना का आरोप है कि हिज़्बुल्लाह ने सीजफायर की शर्तों का उल्लंघन किया। इसके जवाब में उन्होंने दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों पर हमला किया।
लेबनान की सेना ने आरोप लगाया कि इजरायली सेना ने बुधवार और गुरुवार को कई बार सीजफायर का उल्लंघन किया। हिज़्बुल्लाह की केंद्रीय नेतृत्व ने चेतावनी दी कि वे सीमा पार इजरायली गतिविधियों पर नज़र बनाए रखेंगे और उनकी "उंगलियां ट्रिगर पर" हैं। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सेना को किसी भी उल्लंघन का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, "अगर हिज़्बुल्लाह हथियारबंद होने, रॉकेट लॉन्च करने, सुरंग खोदने, या आतंकवादी ढांचे को पुनर्निर्माण करने की कोशिश करता है, तो हम हमला करेंगे।"
लगभग 13 महीने तक चले भीषण संघर्ष के बाद, इस सप्ताह इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच युद्धविराम समझौता लागू हुआ। यह समझौता अमेरिका और लेबनान की मध्यस्थता से हुआ है। इसके तहत:
- हिज़्बुल्लाह अपने हथियारों को लिटानी नदी के उत्तर में ले जाएगा।
- इजरायल की सीमा के पास लेबनानी सेना को तैनात किया जाएगा।
- इसके बदले, इजरायल अपनी सेना को दक्षिणी लेबनान से वापस बुलाएगा।
इजरायल का दावा
- - इजरायल का दावा है कि पिछले 14 महीनों में उन्होंने हिज़्बुल्लाह के 12,000 से अधिक ठिकानों पर हमला किया।
- - इसमें 1,600 कमांड सेंटर्स और 1,000 हथियार डिपो शामिल हैं।
- - IDF के अनुसार, इस दौरान 2,500 से अधिक हिज़्बुल्लाह आतंकियों को मार गिराया गया, हालांकि यह संख्या 3,500 तक हो सकती है।
समझौते पर संदेह
लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सेना इजरायली सैनिकों के वापस जाने के बाद 5,000 सैनिकों को तैनात करने के लिए तैयार है। हिज़्बुल्लाह को भी लिटानी नदी के दक्षिणी इलाकों से अपनी सशस्त्र उपस्थिति खत्म करनी होगी। हालांकि, यह समझौता क्षेत्र में शांति की उम्मीदें जगाता है, लेकिन इसके टिकाऊ होने पर सवाल खड़े हो गए हैं। युद्धविराम लागू होने के दो दिन बाद ही इजरायल ने लेबनान में हवाई हमला किया है।