पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय की ये मांगें मंजूर

Sunday, Dec 11, 2016 - 12:42 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान की राजधानी में इस्लामाबाद में अल्पसंख्यक हिंदुओं को एक बड़ी कामयाबी मिली है। पिछले काफी समय से मंदिर और श्मशान की मांग कर रहे हिंदू समुदाय की मांगों को सरकार द्वारा मान लिया गया है। इस मांग के आधार पर हिन्दू मंदिर, सामुदायिक केंद्र और श्मशान भूमि के लिए भूखंड आबंटित किया गया। पाकिस्तान की राजधानी में रहने वाले 800 हिंदुओं के लिए कैपिटल डिवैलपमैंट अथॉरिटी (CDA) ने मंदिर, कम्युनिटी सैंटर और श्मशान के लिए जमीन आबंटित की है।

पाकिस्तान के अखबार ‘द एक्सप्रैस ट्रिब्यून’ के मुताबिक, इस्लामाबाद में रहने वाले हिंदू लंबे समय से मंदिर और श्मशान के लिए जमीन की मांग कर रहे थे, जिसे आखिरकार प्रशासन ने अब पूरा कर दिया है। ‘द एक्सप्रैस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक CDA ने राजधानी के सैक्टर एच-9 में हिन्दू मंदिर, सामुदायिक केंद्र और श्मशान भूमि के निर्माण के लिए आधा एकड़ भूखंड के आबटन को अपनी मंजूरी दी गई है।

अब तक यहां के हिंदू परिवारों को मंदिर न होने के कारण दीवाली और अन्य धार्मिक त्यौहरा घरों में मनाना पड़ता है।  वहीं शहर में श्मशान घाट न होने के कारण शवों को रावलपिंडी जाकर या अपने गृह शहर लेकर जाना पड़ता था। आजादी के बाद से ही पाकिस्तान में हिंदू आबादी लगातार कम होती गई है। इस समय पाकिस्तान में सिर्फ 2 प्रतिशत आबाद रह गई है जिसमें से ज्यादातर सिंध में रहती है।

सिंध के राजधानी कराची में 1500 साल पुराना एक हनुमान मंदिर है तो पाकिस्तान के इस्लामकोट में इकलौता राममंदिर भी है। बलूचिस्तान के लासबेला जिले में मता दुर्गा का प्रसिद्द तीर्थ हिंगलाज मंदिर भी है। इससे पहले पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ एक बिल भी लाया गया था जिसके कट्टरपंथी संगठनों समेत हाफिज सईद ने भी विरोध किया था।
 

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