18 घंटे बाद लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पहला विमान उतरा, पावर कट के कारण हजारों यात्री प्रभावित
punjabkesari.in Saturday, Mar 22, 2025 - 06:21 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे के पास एक विद्युत उपकेंद्र में आग लगने और हवाई अड्डे को बिजली आपूर्ति बाधित होने के बाद वहां विमानों का परिचालन करीब 18 घंटे तक ठप रहा और भारतीय समयानुसार शुक्रवार देर रात ही पहला विमान हवाई अड्डे पर उतर सका। ब्रिटिश एयरवेज का विमान सूर्यास्त से ठीक पहले यहां उतरा। हीथ्रो विमान सेवा द्वारा परिचालन पर लगी रोक हटाने के बाद विमान का परिचालन शुरू हुआ।
हवाई अड्डे पर बिजली आपूर्ति बाधित होने की वजह से यूरोप के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक पर अफरातफरी की स्थिति रही और हजारों यात्री प्रभावित हुए। उड़ान सेवा पर नजर रखने वाली ‘फ्लाइटरडार 24' ने कहा कि हीथ्रो से आने-जाने वाली कम से कम 1,350 उड़ानें प्रभावित हुईं और इस घटना का असर कई दिनों तक रहने की आशंका है, क्योंकि यात्री अपनी यात्रा का कार्यक्रम फिर से तय करने का प्रयास करेंगे।
अधिकारी अब तक आग लगने के कारण का पता नहीं लगा सके हैं, लेकिन अभी तक आग के पीछे किसी गड़बड़ी के सबूत नहीं मिले हैं। पश्चिमी लंदन के निवासियों ने बताया कि जब हवाई अड्डे के पास विद्युत उपकेंद्र में आग लगी, तो उन्होंने एक बड़ा धमाका सुना, जिसके बाद आग का गोला और धुएं का गुब्बार उठता दिखा। ‘फ्लाइटरडार 24' के अनुसार, जब हवाई अड्डे को बंद करने की घोषणा की गई, तब लगभग 120 उड़ानें आसमान में थीं, जिनमें से कुछ को वापस भेज दिया गया और अन्य को लंदन के बाहर गैटविक हवाई अड्डे, पेरिस के चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे या आयरलैंड के शैनन हवाई अड्डे की ओर मोड़ दिया गया।
लॉरेंस हेस नामक यात्री ने बताया कि न्यूयॉर्क से लंदन के लिये तीन-चौथाई सफर को तय करने के बाद वर्जिन अटलांटिक ने घोषणा की कि उड़ान को ग्लासगो की ओर मोड़ा जा रहा है। हीथ्रो अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए दुनिया के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है। इस साल की शुरुआत में जनवरी में यह सबसे व्यस्त रहा था, जब 63 लाख से अधिक यात्री इस अवधि में यहां से यात्रा कर चुके हैं, जो पिछले साल की इसी अवधि से पांच प्रतिशत अधिक है। हालांकि, शुक्रवार को शटडाउन की स्थिति 2010 में आइसलैंड के एज्जाफ्याल्लाजोकुल ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद उत्पन्न स्थिति से कम गंभीर है। उस समय वायुमंडल में राख के बादल फैल गए थे और महीनों तक अटलांटिक पार की हवाई यात्रा प्रभावित रही थी। ऊर्जा मंत्री एड मिलिबैंड ने कहा कि आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसमें किसी गड़बड़ी का संदेह नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हवाई अड्डे से लगभग दो मील (3 किलोमीटर) दूर लगी इस भीषण आग के कारण का अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी, लेकिन इसमें किसी गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं है।'' लंदन महानगर पुलिस बल ने कहा कि आतंकवाद-रोधी जांचकर्ता जांच का नेतृत्व कर रहे हैं, क्योंकि वे आग के कारण का शीघ्र पता लगाने में सक्षम हैं, तथा विद्युत उपकेंद्र में आग का स्थान तथा महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अवसंरचना पर इसके प्रभाव को भी अच्छी तरह समझते हैं।
मिलिबैंड ने कहा कि आग पर काबू पाने में सात घंटे लगे, जिससे हवाई अड्डे की आपात बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई। हीथ्रो ने एक बयान में कहा कि उसके पास हवाई अड्डे को दिन भर के लिए बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। लंदन दमकल विभाग ने आग पर काबू पाने के लिए 10 अग्निशमन वाहन और लगभग 70 अग्निशमन कर्मी भेजे तथा लगभग 150 लोगों को विद्युत केंद्र के नजदीक स्थित उनके घरों से निकाला गया।
हवाई अड्डा प्रशासन ने बताया, ‘‘हमें आने वाले दिनों में महत्वपूर्ण व्यवधान की आशंका है, और यात्रियों को हवाई अड्डे के पुनः खुलने तक किसी भी परिस्थिति में हवाई अड्डे की यात्रा नहीं करनी चाहिए।'' आग लगने की वजह से हवाई यातायात पर हुए व्यापक प्रभाव के कारण ब्रिटेन की आलोचना हो रही है और कहा जा रहा है कि एक आग से अगर यूरोप का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा बंद हो सकता है, तो यह संकेत करता है कि देश आपदा या किसी प्रकार के हमले के लिए तैयार नहीं था। सुरक्षा थिंक टैंक हेनरी जैक्सन सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक एलन मेंडोजा ने कहा, ‘‘ब्रिटेन का महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा उस स्तर तक पर्याप्त रूप से मजबूत नहीं है, जिस स्तर पर इसे होना चाहिए। यह हमें विश्वास नहीं दिलाता कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।''
उन्होंने कहा, ‘‘यदि एक आग हीथ्रो की प्राथमिक प्रणालियों को बंद कर सकती है और फिर जाहिर तौर पर आपात प्रणालियों को भी, तो इससे पता चलता है कि ऐसी आपदाओं के प्रबंधन की हमारी प्रणाली में कुछ गड़बड़ है।'' प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर के प्रवक्ता टॉम वेल्स ने माना कि अधिकारियों के पास जवाब देने के लिए प्रश्न हैं और कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कठोर जांच की आवश्यकता है कि ‘‘इस पैमाने पर व्यवधान फिर से न हो''।
लंदन के अग्निशमन विभाग ने विद्युत उपकेंद्र में लगी आग पर काबू पाने के लिए 10 दमकल वाहन और करीब 70 अग्निशमन कर्मी भेजे और करीब 150 लोगों को विद्युत उपकेंद्र के नजदीक बने घरों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अग्निशमन विभाग ने बताया कि आग लगने से 67,000 ग्राहकों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई, हालांकि सुबह होने तक अधिकांश आपूर्ति बहाल कर दी गई।