टेक्सास बंधक मामले ने साबित किया पाकिस्तान ही आतंकवाद का प्रायोजक

Monday, Jan 17, 2022 - 03:17 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के टेक्सास में यहूदी प्रार्थना  स्थल पर घटित बंधक मामले ने पाकिस्तान का आंतकी चेहरा एक बार दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया है। इस वारदात ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तान ही आतंकवाद का असली प्रायोजक है और आंतिकयों की पक्की शरणस्थली है। शनिवार मुहम्मद सिद्दीकी के रूप में पहचाने गए एक बंदूकधारी ने टेक्सास के एक यहूदी प्रार्थना  स्थल  में प्रवेश किया और पाकिस्तान की लेडी अलकायदा की आफिया सिद्दीकी की रिहाई की मांग को लेकर 4 लोगों को बंधक बना लिया। 

इस मामले से न सिर्फ आफिया सिद्दीकी फिर सुर्खियों में आ गई बल्कि पाकिस्तान में आतंकवाद कितना गहरा हो गया है, को लेकर भी पुख्ता सबूत दे दिया है।  बंधक बनाए रखने वाले शख्स को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया। फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) ने संदिग्ध की पहचान 44 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक मलिक फैसल अकरम के तौर पर की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह दो हफ्ते पहले अमेरिका आया था। अकरम के भाई ने दावा किया कि वह मानसिक रूप से बीमार था। इस बात की भी जाँच की जा रही है आपराधिक रिकॉर्ड होने के बावजूद वह अमेरिका में कैसा दाखिल हुआ। वहीं, इस मामले में दो नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया है और पूछताछ की जा रही है।

अकरम पाकिस्तानी वैज्ञानिक आफिया सिद्दीकी को रिहा करने की माँग कर रहा था। पाकिस्तानी वैज्ञानिक से आतंकवादी बनी आफिया सिद्दीकी अफगान कस्टडी में रहकर अमेरिकी सैन्य अफसरों की हत्या की कोशिश करने के मामले में दोषी पाई गई थी। आफिया अभी टेक्सास की फेडरल जेल में बंद है। इससे पहले, अकरम को अपनी ‘बहन’ से बात करने के लिए कहते सुना गया था, जिससे यह अनुमान लगाया गया था कि वह आफिया के भाई मुहम्मद सिद्दीकी हो सकता है। हालाँकि, आफिया के वकील और उसके सगे भाई ने दावों का खंडन किया है। FBI डलास ने इस मामले में एक बयान जारी कर बंधक बनाने वाले की पहचान का खुलासा किया। बयान में उन्होंने कहा, “FBI डलास फील्ड कार्यालय के प्रभारी मैथ्यू डीसार्नो ने आज पुष्टि की कि टेक्सास में लोगों को बंधक बनाने वाले की पहचान ब्रिटिश नागरिक मलिक फैसल अकरम (44) के रूप में गई है।”

बयान में आगे कहा गया है कि एविडेंस रिस्पांस टीम (ERT) सिनेगॉग में सबूतों की प्रक्रिया जारी रखेगी। एफबीआई ने अपने बयान में आगे कहा कि इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि इस घटना में कोई और भी शामिल था, लेकिन यह घटना एक पाकिस्तान के संभावित मकसद को दर्शाती है। अकरम के भाई गुलबर अकरम ने सोशल मीडिया पर एक मैसेज शेयर किया, जिसमें उन्होंने खुलासा किया कि वह एफबीआई के साथ काम कर रहे थे और गतिरोध के दौरान अपने भाई के साथ ‘संपर्क’ में थे। उन्होंने माफी माँगी और मलिक के कार्यों के लिए ‘मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों’ को जिम्मेदार ठहराया। बंधक बनाने वाले की पहचान के बारे में जानने के बाद ब्लैकबर्न मुस्लिम समुदाय ने अपने फेसबुक पेज पर एक बयान जारी किया।

इसमें उसने अकरम के लिए ‘स्वर्ग के सर्वोच्च पद’ के लिए प्रार्थना की। अब यह पोस्ट डिलीट कर दिया गया है। इसमें कहा गया था, “फैसल अकरम दुखी होकर इस अस्थायी दुनिया से चले गए और अपने क्रिएटर के पास लौट गए। वह मोहम्मद मलिक अकरम के पुत्र और गुलबर, मलिक, नसर, यासर और गुलजमीर अकरम के भाई थे।” अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस घटना को ‘आतंकवादी कृत्य’ करार दिया है। उल्लेखनीय है कि मलिक फैसल अकरम ने लोगों को बंधक बना लिया था और घटना की सोशल मीडिया पर लाइवस्ट्रीमिंग भी की, जिसमें संदिग्ध व्यक्ति को सिद्दीकी को रिहा करने की माँग करते सुना गया, जिसे अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के अधिकारियों की हत्या के प्रयास के जुर्म में सजा सुनाई गई है।

Tanuja

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