पाक में ''आतंकी समूह'' के चुनाव लड़ने का सांसदों ने किया विरोध

Sunday, Jul 22, 2018 - 02:19 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कुछ सांसदों ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों को चुनाव में हिस्सा लेने पर विरोध जताया है।  सांसदों का कहना है कि इससे आतंकवादियों के पाकिस्तान की संसद में घुसने का रास्ता खुल जाएगा। पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार डॉन में रविवार के अंक में प्रकाशित एक खबर में बताया गया कि पाकिस्तानी सांसदों ने पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) को भी चेताया है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को चुनाव लड़वाने से कट्टरपंथी तत्व मुख्यधारा में आ जाएंगे और यह पाकिस्तान के लिए ठीक नहीं होगा। 

अखबार के अनुसार पाकिस्तान के उच्च सदन में विपक्ष की नेता और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सदस्य शेरी रहमान ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को चुनाव लड़वाने से वह मुख्यधारा में आ जाएंगे और हमारा सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा अगर यह लोग संसद में आ गए. उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद से लड़ाई में एक बड़ी कीमत चुकाई है अगर देश में महिलाएं और गैर मुस्लिमों को निशाना बनाया जाना शुरू होगा तो हम दुनिया को क्या सफाई देंगे।  उन्होंने पाकिस्तान के प्रमुख नेताओं को आतंकी हमले का खतरा होने के अलर्ट की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि जिन नेताओं को खतरा है उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए। 

 
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सांसद परवेज राशिद ने कहा कि आतंकवादियों को संसद में लाया जा रहा है और सांसदों को जेल भेजा जा रहा है। राशिद ने कहा कि चुनावी उम्मीदवार बनने के बाद वे संसद में घुसने में कामयाब हो जाएंगे। गौरतलब है कि यह बात उन्होंने हाल में पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के आतंकी संगठन से जुड़े कुछ लोगों को 25 जुलाई का चुनाव लड़ने की अनुमति देने के फैसले और पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पार्टी प्रमुख नवाज शरीफ को रावलपिंडी की अडियाला जेल में भेजने पर कही है। राशिद और शेरी के साथ ही पाकिस्तान के कई अन्य सांसदों ने भी निर्वाचन आयोग और कार्यवाहक सरकार से यह कहा कि वह सुनिश्चित करें कि 25 जुलाई को केंद्र और प्रांतीय सरकारें के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होंगे।  

Tanuja

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