बिना नाम लिए भारत का पाक पर हमला, आतंकी संगठनों को अफगान सरजमीं से कोई समर्थन नहीं मिलना चाहिए

Thursday, Jan 27, 2022 - 05:33 PM (IST)

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को अफगान सरजमीं या क्षेत्र में मौजूद अन्य पनाहगाह से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग न मिले, यह सुनिश्चित करने की दिशा में ‘ठोस प्रगति' होनी चाहिए। भारत की इस टिप्पणी को पाकिस्तान के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने बुधवार को कहा, ‘आतंकवाद अफगानिस्तान और पूरे क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 2593 कई महत्वपूर्ण और तात्कालिक मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।'

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन से जुड़ी सुरक्षा परिषद की बैठक में तिरुमूर्ति ने कहा, ‘यूएनएससी का प्रस्ताव आतंकवाद के खिलाफ जंग के संबंध में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को बयां करता है। इसमें अफगान सरजमीं का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के संचालन के लिए न होने देने की तालिबान की प्रतिबद्धता भी शामिल है।' तिरुमूर्ति ने अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘हालांकि, प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को अफगान सरजमीं या क्षेत्र में मौजूद अन्य पनाहगाह देशों से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग न मिले, यह सुनिश्चित करने की दिशा में हमें ‘ठोस प्रगति' दिखनी चाहिए।'

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव 2593 को अगस्त 2021 में भारत की अध्यक्षता के दौरान स्वीकार किया गया था। तिरुमूर्ति ने कहा, ‘प्रस्ताव में अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार के गठन के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाएं भी जाहिर की गई हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि देश में एक ऐसी सरकार बननी चाहिए, जिसमें महिलाओं, अल्पसंख्यकों और जातीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी हो। प्रस्ताव में अफगान नागरिकों के मानवाधिकारों की बहाली के साथ-साथ उन्हें मानवीय सहायता मुहैया कराने पर जोर दिया गया है।' भारतीय प्रतिनिधि ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता पर जोर देते हुए इस दिशा में सामूहिक प्रयास किए जाने की अहमियत भी बताई।

rajesh kumar

Advertising