कव्वाल अमजद साबरी के परिवार पर मौत का साया, पाक में रहना हुआ मुहाल

Monday, Apr 10, 2017 - 05:42 PM (IST)

इस्लामाबादः पाकिस्तान में पिछले साल कव्वाल और सूफियाना संगीत के बड़े नाम अमजद साबरी की हत्या कर दी गई थी। अब उनके परिवार को भी अपनी मौत का डर सताने लगा है। ऐसे में   अमजद साबरी का परिवार पाकिस्तान छोड़कर लंदन जाने की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से अमजद के भाई अजमत साबरी का कहना है कि उनके परिवार को लग रहा है कि उन पर निगाह रखी जा रही है। उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर डर सता रहा है।

अजमत के मुताबिक इन हालात में पाकिस्तान में रहना मुश्किल हो गया है। अगर उन्हें कल ही वीजा मिल जाए तो वे लंदन चले जाएंगे। वहां उनका एक भाई पहले से रहता है। हालांकि अजमत ने माना है कि उनके परिवार को कोई धमकी नहीं मिली है और अब भी अपने शहर लिकायताबाद को बेहद प्यार करते हैं।
23 जून, 2016 में कराची में मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने सूफी कव्वाल अमजद साबरी को तीन गोलियां मार कर हत्या कर दी थीं। आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

45 साल के गायक और उनके एक सहयोगी कराची के भीड़भाड़ वाले लियाकतबाद 10 इलाके में कार से सफर कर रहे थे तभी मोटरसाइकिल सवार बंदूकधारियों ने उनके वाहन पर गोलियां चलाई जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दोनों को अब्बासी शहीद अस्पताल ले जाया गया। जहां साबरी ने दम तोड़ दिया था।तालिबान से टूट कर अलग हुए हकीमुल्ला महसूद गुट ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। संगठन के प्रवक्ता कारी सैफुल्ला महसूद ने कहा कि उसने साबरी की हत्या इसलिए की क्योंकि वह ‘ईश निंदक’ था।

इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने साल 2014 में ईश निंदा के एक मामले में दो निजी चैनलों को एक नोटिस जारी किया था जिन्होंने सुबह के एक कार्यक्रम में एक कव्वाली चलाई थी। कार्यक्रम में एक नकली शादी को धार्मिक हस्तियों संबंधी एक कव्वाली के साथ मिलाकर दिखाकर गया था। इस कव्वाली को साबरी ने गाया था। साबरी की सबसे प्रसिद्ध और यादगार कव्वालियों में ‘भर दो झोली’, ‘ताजदार-ए-हरम’ और ‘मेरा कोई नहीं है तेरे सिवा’ शामिल हैं। साबरी ने यूरोप और अमरीका में कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए थे। उन्हें गायिकी की आधुनिक शैली के लिए कव्वाली का ‘‘रॉकस्टार’’ कहा जाता था। अमजद साबरी मशहूर कव्वाल मकबूल साबरी के भतीजे थे.

 

 

Advertising