TCS ने अमेरिकी कर्मचारियों को बाहर निकाला, कंपनी पर लगा नस्लीय भेदभाव का आरोप

Monday, Nov 05, 2018 - 08:44 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः एशिया की सबसे बड़ी नौकरी प्रदाता कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) से नौकरी से निकालने जाने वाले अमेरिकी कर्मचारियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कंपनी पर नस्लीय आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगया है, जिसके बाद भारत की बड़ी आईटी कंपनी TCS अमेरिका में बड़ी मुश्किल में फंस सकती है। मामले पर कैलिफोर्निया में सोमवार को सुनवाई होने जा रही है।


रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि कंपनी के जरिए उन्हें किसी क्लाइंट का काम नहीं सौंपा गया था। वहीं, इस मामले में अमेरिका में विदेश कंपनियों के लिए चलने वाला वर्क वीजा प्रोग्राम भी चर्चा में आ गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अक्सर इस प्रोग्राम की आलोचना करते आए हैं। इस वीजा को कंपनियां अमेरिकी में विदेशी वर्कर्स को लाने के लिए इस्तेमाल में लेती हैं। वहीं, मौजूदा ट्रम्प प्रशासन एशिया की सबसे बड़ी आउटसोर्सिंग कंपनी टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो को ज्यादा से ज्यादा अमेरिकियों की नियुक्ति करने के लिए कहता आया है।



हालांकि, इस मामले में टीसीए मजबूती के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है। टीसीएस का कहना है कि अमेरिकियों को हटाने से जुड़ा मामला एक प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ है। परफॉर्मेंस को ध्यान में रखते हुए लोगों को टर्मिनेट किया गया। वहीं, टीसीएस के जरिए अमेरिकी ऑपरेशन में किसी भी अनुचित बर्ताव से इनकार किया गया है।


कंपनी के एक प्रवक्ता का कहना है कि हमारी सफलता अमेरिका और वैश्विक स्तर पर मौजूद सर्वोत्तम प्रतिभा प्रदान करने की हमारी क्षमता पर आधारित है। यह व्यक्ति के विशेष अनुभव, कौशल और मौजूद प्रत्येक ग्राहक की खास आवश्यकताओं पर आधारित है। टीसीएस सभी संघीय क्षेत्रों और राज्यों में समान रोजगार अवसर, कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करती है।

 

Yaspal

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