तालिबान ने बदला बच्चों की पढ़ाई का सिलेबस, शरिया के खिलाफ नहीं दी जाएगी शिक्षा

Monday, Sep 13, 2021 - 04:06 PM (IST)

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होते ही वहां की स्थिती बेहद दयनीय हो गई हैं। तालिबानी कानूनों के चलते लोग अफगान छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। बता दें कि अब तक लाखों लोग अफगानिस्तान छोड़ अन्य देशों में शरण ले चुके हैं। बता दें कि अब अफगानिस्तान में कट्टर इस्लामी पाठ्यक्रम लागू करने के प्रयास में तालिबान ने रविवार को नया फरमान सुनाया।

तालिबान ने रविवार को कहा कि शरीयत इस्लामी कानूनों की अवहेलना करने वाले विश्वविद्यालय के विषयों को उच्च शिक्षा से हटा दिया जाएगा। कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री शेख अब्दुल बाकी हक्कानी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस्लामी कानूनों के खिलाफ हर विषय को हटा दिया जाएगा।

हक्कानी ने उल्लेख किया कि लड़कियों और लड़कों के साथ चलने वाली कक्षाएं स्वीकार्य नहीं हैं और पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव लाए जाएंगे।

बता दें कि एक सप्ताह पहले ही निजी विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों को फिर से खोलने का एलान किया था, लेकिन कक्षाओं को लिंग के आधार पर विभाजित किया गया था यानि कि अब अफगान में लड़के और लड़कियों अलग से पढ़ाई करेंगे। 

इस बीच, विश्वविद्यालय के छात्रों ने अफगानिस्तान में शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्वविद्यालय के एक छात्र अब्दुल रहीम ने कहा कि वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, शिक्षक और छात्र विश्वविद्यालय में नहीं हैं।

आपको बता दें कि तालिबान ने इससे पहले यह भी घोषणा की कि उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए छात्रों को विदेश भेजने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

Anu Malhotra

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