अफगानिस्तान में तालिबान की दरिंदगी का वीडियो आया सामने, देखकर रोंगटे हो जाएंगे खड़े

Saturday, Aug 21, 2021 - 02:10 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं।  राजधानी काबुल में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की ओर जा रहे  लोगों का तालिबानी आतंकियों द्वारा अपहरण के बीच  तालिबान की दरिंदगी  का एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है। ये वीडियो तालिबान के कब्जे के बाद का है या पहले का फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है। अल-इत्तेहा रूज की एक रिपोर्ट मुताबिक अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल में इंटरनैशनल एयरपोर्ट की ओर जा रहे 150 लोगों का तालिबानी आतंकियों ने अपहरण कर लिया है। इसमें ज्‍यादातर भारतीय नागरिक हैं। स्‍थानीय मीडिया ने इस घटना की पुष्टि की है। 

भारत काबुल से अपने लोगों को निकालने के अभियान में लगातार जुटा हुआ है।  इस क्रम में इंडियन एयर फोर्स का एक विमान थोड़ी देर में 85 से अधिक भारतीयों को लेकर पहुंचने वाला है। जानकारी के अनुसार ये विमान रास्ते में फ्यूल के लिए ताजिकिस्तान में उतरा था। भारत सरकार के अधिकारी काबुल से भारतीयों नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराने के अभियान में जुटे हुए हैं।

 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि तालिबान आंतकी सरेआम पब्लिक के सामने कुछ लोगों को रोक कर क्रूर तरीके से पूछताछ कर रहे हैं और जवाब मिलने के बाद गोलियों से भून रहे हैं। वीडियो में ये भी देखा जा सकता है कि तालिबानी आंतकियों द्वारा रास्ते से गुजर रहे वाहनों को  जबरन रोका जा रहा है और उनका आदेश न मानने वालों पर गोलिया बरसाई जा रही हैं। तालिबानी वहां खड़े लोगों को धमका रहा है और लाशों के ढेर लगाए जा रहा है। इस वीडियो से तालिबान शासन में होने वाली क्रूरता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

बता दें कि तालिबान दुनिया को यह समझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है कि वे 20 साल बाद अफगानिस्तान में सत्ता में वापस आने के बाद अल-कायदा जैसे आतंकवादी समूहों के साथ संबंध तोड़ लेगा और उन्हें दुनिया की मान्यता की आवश्यकता होगी। तालिबान ने काबुल पर कब्जा करने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस  में कई सवालों के जवाब दिए, यहां तक ​​कि उन्होंने महिलाओं और मानवाधिकारों का सम्मान करने की कसम खाई, लेकिन वे क्षेत्रीय आतंकी समूहों और उनके भविष्य के साथ अपने मजबूत संबंधों पर चुप थे।

उल्लेखनीय है कि तालिबान का हमेशा दोहरा चरित्र रहा है। एक ओर मौजूदा तालिबान नेतृत्व दुनिया के सामने यह कह रहा है कि वह किसी तीसरे देश के खिलाफ अफगान की धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा, जबकि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूह सुनी पश्तून (तालिबान) के अल कायदा और जैश-ए-मोहम्मद के साथ बहुत करीबी संबंध हैं। पाकिस्तान स्थित ये दोनों वैश्विक आतंकवादी समूह तालिबान शासित अफगानिस्तान के भीतर अपने कैडर को प्रशिक्षित करने और अपने विरोधियों पर आतंकी हमले करने के लिए पनाहगाहों की तलाश कर रहे हैं। बता दें कि तालिबान ने खुले तौर पर जिहाद को अपना मौलिक इस्लामी कर्तव्य बताया है।

 

 

Tanuja

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