ताइवान हमारा आंतरिक मामला :चीन

Sunday, Jan 17, 2016 - 04:05 PM (IST)

ताइपेई:ताइवान में हुए चुनावों में आजादी समर्थक विपक्षी पार्टी के भारी बहुमत से जीतने के बाद चीन की सरकार ने कहा है कि ताइवान चीन का एक आंतरिक मामला है और पूरी दुनिया में चीन मात्र एक ही है । ताइवान चुनावी नतीजे से या उसे मिली अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति से इस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला । साई इंग-वेन की नेतृत्व में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) ने राष्ट्रपति और संसदीय, दोनों चुनावों को भारी बहुमत से जीत हासिल की है । निर्वाचित राष्ट्रपति इंग-वेन ने शक्तिशाली चीन के साथ शांति बनाए रखने का वादा किया है ।

चीन ताइवान को अपने इलाके तौर पर देखता है और समय-समय पर चेतावनी भी देता रहा है कि जरूरत पड़ने पर बलपूर्वक उस पर फिर से कब्जा किया जा सकता है । चुनाव नतीजों के तत्काल बाद ताइवान मामले की निगरानी करने वाले चीन के विभाग ने चेतावनी दी कि वह स्वतंत्रता हासिल करने के ताइवान के किसी भी कदम का विरोध करेगा और अपने देश के संप्रभुता तथा अखंडता की रक्षा करेगा । चीन के विदेश मंत्रालय ने भी कुछ ऐसा ही वक्तव्य जारी की है ।

विदेश मंत्रालय का कहना है कि ताइवान में चाहे जो भी राजनीतिक बदलाव हो ,चीन ताइवान की आजादी की मांग का विरोध करने की नीति नहीं बदलेगा । मंत्रालय ने कहा ‘‘ताइवान मुद्दा चीन का आंतरिक मुद्दा है । दुनिया में सिर्फ एक चीन है, चीन और ताइवान दोनों चीन का अभिन्न अंग हैं और हमारी अखंडता को खंडित नहीं किया जा सकता है ।’’ उन्होंने कहा ‘‘ ताइवान के चुनाव परिणाम से इस बुनियादी तथ्य में कोई परिवर्तन नहीं आएगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस मामले पर आम सहमति है ।’’ चीन ने उम्मीद जताई कि दुनिया ‘‘एक चीन’’ के सिद्धांत को मानेगी और ताइवान की स्वतंत्रता की किसी भी कोशिश का विरोध करेगी ।

चीन के सरकारी टीवी पर डीपीपी की जीत पर प्रसारित रिपोर्ट में भी कहा गया कि ताइवान को आजादी के ‘दु: स्वप्न’ का परित्याग करना चाहिए। इस दिशा में उठाया गया कोई भी कदम ‘खतरनाक’ होगा । इंग-वेन के सामने सबसे बड़ी चुनौती चीन से निपटने की होगा। चीन ताइवान का सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी भी है।  

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